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कोलार से पांच अप्रैल को ‘सत्यमेव जयते’ अभियान शुरू करेंगे Rahul Gandhi

कांग्रेस नेता राहुल गांधी पांच अप्रैल को कोलार से पार्टी का देशव्यापी ‘सत्यमेव जयते’ आंदोलन शुरू करेंगे, जहां उन्होंने ‘मोदी उपनाम’ संबंधी टिप्पणी की थी। यह जानकारी कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डी के शिवकुमार ने बुधवार को दी।
‘मोदी उपनाम’संबंधी टिप्पणी को लेकर गांधी को एक अदालत द्वारा आपराधिक मानहानि का दोषी ठहराते हुए दो वर्ष की सजा सुनाई गई थी और बाद में उन्हें लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहरा दिया गया था।

कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस प्रमुख शिवकुमार ने पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा के साथ एक संयुक्त प्रेसवार्ता के दौरान यह बात कही।
शिवकुमार ने कहा, ‘‘राहुल गांधी की अयोग्यता का मुद्दा कोलार में उनके भाषण के साथ शुरू हुआ था। पांच अप्रैल को राहुल गांधी कोलार आएंगे और वहां से अपना सत्यमेव जयते आंदोलन शुरू करेंगे, जो पूरे देश में जाएगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमने उनसे यहां से शुरुआत करने के लिए कहा। वह तैयार हो गए हैं और इसके लिए तैयारी चल रही है।’’

उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और अन्य नेताओं की उपस्थिति में गांधी कोलार की धरती से बदलाव का संदेश देंगे।
गत 23 मार्च को, गांधी को गुजरात के सूरत की एक अदालत ने उनकी ‘‘मोदी उपनाम’’ संबंधी टिप्पणी से जुड़े आपराधिक मानहानि के एक मामले में दो साल जेल की सजा सुनाई थी। एक दिन बाद, उन्हें इस मामले में दोषी ठहराए जाने की तिथि से लोकसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया था।
गांधी ने यह टिप्पणी कथित तौर पर अप्रैल 2019 में कोलार में की थी।

गांधी की सांसद के रूप में अयोग्यता के बारे में शर्मा ने कहा कि यह स्थापित कानून है कि अगर किसी अज्ञात और अनिश्चित समुदाय के लिए कोई संदर्भ दिया गया है, तो आपराधिक मानहानि का कोई आरोप कभी नहीं लगाया जा सकता।
उन्होंने कहा, ‘‘आपराधिक मानहानि का आरोप नहीं बनने के बावजूद, अधिकतम सजा (दो साल की) तीन सप्ताह के भीतर दी गई और बाद में 18 घंटे में अयोग्य घोषित कर दिया गया। यही हुआ। यह फैसला त्रुटिपूर्ण फैसला था, इसे उच्च न्यायपालिका द्वारा रद्द कर दिया जाएगा और पलट दिया जाएगा।’’

शर्मा ने कहा कि लोकसभा ने गांधी को अदालत के आदेश के खिलाफ अपील दायर करने से पहले ही जल्दबाजी में अयोग्य घोषित कर दिया, गांधी अपील दायर करने के हकदार थे। उन्होंने यह भी कहा कि अयोग्य घोषित करना उचित नहीं है क्योंकि क्योंकि ‘‘इसे राष्ट्रपति के पास नहीं भेजा गया।’’
कांग्रेस की दलील है कि संसदीय प्रक्रिया यह निर्धारित करती है कि केवल भारत के राष्ट्रपति के पास किसी सांसद को संसद से अयोग्य घोषित करने की शक्ति है।

उन्होंने कहा कि सत्ताधारी पार्टी कोई चर्चा नहीं होने देकर संसद के बजट सत्र को ठीक तरह से नहीं चलने दे रही। उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी का यह आरोप झूठा है कि राहुल गांधी ने भारत और इसके लोकतंत्र के खिलाफ बयान दिए। उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस दावों को खारिज करती है। उनका एजेंडा राहुल गांधी को बोलने नहीं देना है।’’
उन्होंने कांग्रेस की मांग को भी दोहराया कि अडाणी भ्रष्टाचार के मुद्दे की व्यापक जांच करने का एकमात्र तरीका संयुक्त संसदीय समिति का गठन है।

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