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राहुल ने हिंसा प्रभावित मणिपुर की यात्रा के दौरान हुए खौफनाक अनुभवों को याद किया

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हिंसा प्रभावित मणिपुर की अपनी यात्रा के दौरान हुए खौफनाक अनुभव को याद किया और कहा कि अपने 19 साल के राजनीतिक जीवन के दौरान उन्होंने कभी ऐसी स्थिति का सामना नहीं किया।
गांधी ने मणिपुर में गहरा विभाजन पैदा करने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को दोषी ठहराते हुए कहा कि मणिपुर को अपने पैरों पर फिर से खड़ा करने में कम से कम पांच साल लग सकते हैं।
गांधी ने उन दो महिलाओं के बारे में बताया, जिनसे उन्होंने हिंसाग्रस्त राज्य के राहत शिविरों में मुलाकात की थी। उन्होंने कहा कि उन महिलाओं में से एक ने बताया कि कैसे उसकी आंखों के सामने उसके बेटे की हत्या कर दी गई थी।
कांग्रेस नेता ने यहां कलपेट्टा में एक जनसभा में कहा, ‘‘मैंने जब कमरे में प्रवेश किया, तो उनमें से एक महिला फर्श पर अकेली पड़ी थी। बाकी सभी के परिवार का कोई न कोई सदस्य था, लेकिन यह महिला अकेली पड़ी हुई थी। मैंने उस महिला से उसके परिवार के बारे में पूछा। उसने मुझसे कहा कि उसका अपना कोई नहीं बचा है।’’

लोकसभा सदस्यता बहाल होने के बाद पहली बार वायनाड आये गांधी के स्वागत के लिए कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) द्वारा सभा का आयोजन किया गया था।
वायनाड से सांसद गांधी ने कहा कि जब उन्होंने महिला से पूछा कि उसके परिवार के साथ क्या हुआ, तो उसने कुछ देर तक कोई जवाब नहीं दिया।
गांधी ने महिला के दर्द को याद करते हुए कहा, ‘‘वह चुप हो गई और कुछ नहीं बोली। मैंने उसका हाथ पकड़ा और पूछा कि उसे क्या हुआ है। उसने मुझसे कहा- मैं गांव में अपने घर में अपने छोटे बेटे के साथ सो रही थी। मेरे बेटे को मेरी आंखों के सामने मार दिया गया। उन्होंने मेरी आंखों के सामने उसे गोली मार दी और फिर मैं पूरी रात अपने बेटे की लाश के पास पड़ी रही।’’
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि उसके (महिला) बेटे ने उसकी गोद में दम तोड़ दिया और उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह शव के साथ रहे या खुद को बचाने के लिए भाग जाये।
गांधी ने कहा, ‘‘कुछ समय बाद उसने फैसला किया कि उसका बेटा वापस नहीं आ पायेगा।

उसने बताया कि वह कैसे बच निकली…उस पर कैसे गोली चलाई गई। और इस पूरे समय, वह मुझसे बात के दौरान कांप रही थी।’’
गांधी ने लोगों से सवाल किया, ‘‘ क्या यहां बैठी हमारी माताओं, बहनों या किसी अन्य महिला के साथ इतनी दर्दनाक घटना हुई है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘उसका घर जला दिया गया। उसने सब कुछ खो दिया था और उसके पास केवल अपने बेटे की तस्वीर थी।’’
एक अन्य मणिपुरी महिला की ऐसी ही कहानी साझा करते हुए, गांधी ने कहा कि वह केवल दो उदाहरण दे रहे हैं, लेकिन मणिपुर में ऐसे हजारों लोग थे, जिन्हें इसी तरह की स्थिति का सामना करना पड़ा।
गांधी ने कहा, ‘‘मैं कल्पना कर रहा था कि यदि मेरी मां या बहन के साथ ऐसा होता तो मुझे कैसा लगता। उसने (महिला) जो कुछ अपने मन में देखा, उसे वह सहन नहीं कर सकी और बेहोश हो गई। मणिपुर की महिलाओं ने यही अनुभव किया है।’’

गांधी ने जून में की गई मणिपुर की अपनी यात्रा को याद करते हुए कहा, ‘‘मैं 19 साल से राजनीति में हूं, और मैंने मणिपुर में जो अनुभव किया, वैसा अनुभव कभी नहीं किया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘किसी के परिवार के सदस्यों की हत्या कर दी गई है; किसी का घर जला दिया गया है। यह ऐसा है, मानो किसी ने मणिपुर पर केरोसिन फेंककर आग लगा दी हो।’’
कांग्रेस नेता ने कहा कि मणिपुर में मेइती क्षेत्र में प्रवेश करने से पहले उन्हें और उनके नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल को बताया गया कि ‘‘यदि हमारे सुरक्षा दल में कोई कुकी होगा, तो उसे मार दिया जाएगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसी तरह कुकी इलाके में जाने से पहले हमें बताया गया कि अगर हमारे सुरक्षा दल में कोई मेइती होगा, तो उसे गोली मार दी जायेगी।

इसलिए, हमें मेइती क्षेत्र का दौरा करने से पहले कुकियों को अपने सुरक्षा दल से हटाना पड़ा। इसी तरह, कुकी इलाके में जाने से पहले हमें मेइती को अपने सुरक्षा दल से हटाना पड़ा।’’
गांधी ने कहा, ‘‘मणिपुर में पूर्ण विभाजन है। हर जगह खून है, हर जगह हत्या हो रही है, राज्य में हर जगह बलात्कार की घटनाएं हो रही है।’’
उन्होंने कहा कि मणिपुर को तोड़ने में दो महीने लगे और इसका पुननिर्माण करने में पांच साल लग सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन हम यह करेंगे। यही भाजपा और कांग्रेस के बीच अंतर होने जा रहा है।’’
गांधी ने कहा कि जो कोई भी भारत की अवधारणा (आइडिया ऑफ इंडिया) की ‘‘हत्या’’ करता है, वह भारत से प्यार नहीं कर सकता।

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