कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने नयी दिल्ली में अपना आधिकारिक बंगला खाली करने के एक दिन बाद रविवार को केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधा और कहा कि पार्टी ने बंगला वापस लेकर अच्छा काम किया है, क्योंकि उन्हें हजारों लोगों ने पत्र लिखकर अपने घरों में आकर रहने की पेशकश की है।
राहुल ने मोदी उपनाम से जुड़े आपराधिक मानहानि के एक मामले में सूरत (गुजरात) की एक अदालत द्वारा दो साल की जेल की सजा सुनाए जाने और लोकसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य घोषित किए जाने के बाद शनिवार को नयी दिल्ली में अपना आधिकारिक बंगला खाली कर दिया था।
वह अपनी मां सोनिया गांधी के बंगले में रहने चले गए थे।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि वह लोगों के दिलों में बसते हैं और उन्हें किसी मकान की जरूरत नहीं है।
राहुल ने जोर देकर कहा कि कांग्रेस भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की विचारधारा के खिलाफ है, जो ‘नफरत और हिंसा फैलाने में यकीन रखती है।’ उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी बिना डरे लड़ेगी और भाजपा की हार सुनिश्चित करेगी।
कांग्रेस नेता ने कहा, “भाजपा ने मेरे खिलाफ कई मामले दर्ज किए हैं, उन्होंने मुझे संसट से हटा दिया है, उन्होंने मेरा बंगला छीन लिया है, लेकिन हजारों लोगों ने मुझे पत्र लिखकर कहा कि राहुल जी हमारे घर आकर रहिए। मैं आपके दिलों में बसता हूं। मुझे किसी मकान की जरूरत नहीं। उन्होंने बंगला लेकर अच्छा किया है।”
राहुल ने कहा कि मामले में उन्हें अन्य पिछड़ी जाति (ओबीसी) के लोगों के लिए गलत शब्दों का इस्तेमाल करने का दोषी ठहराया गया है। उन्होंने कहा, “पहले तो मैं यह स्पष्ट करना चाहूंगा कि मैं किसी के खिलाफ गलत शब्दों का इस्तेमाल नहीं करता। मैं हिन्दुस्तान के हर नागरिक का सम्मान करता हूं। जैसा कि मैं कहता हूं कि मैंने नफरत के बाजार में प्यार की दुकान खोली है।”
राहुल ढोल-नगाड़ों की आवाज के बीच शिवाजी सर्कल से कनकदास सर्कल तक एक विशाल रोड शो निकालने के बाद विजयपुरा में एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया।
उन्होंने 12वीं सदी के समाज सुधारक बसवन्ना की जयंती पर उनका जिक्र करते हुए आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत अन्य भाजपा नेता अपने भाषणों में लिंगायत समुदाय के इस महान दार्शनिक के बारे में केवल बातें करते हैं, लेकिन उनकी शिक्षाओं का अनुसरण नहीं करते।
कर्नाटक की भाजपा सरकार को ‘देश की सबसे भ्रष्ट सरकार’ बताते हुए राहुल ने दावा किया कि कांग्रेस राज्य में 10 मई को होने वाले विधानसभा चुनावों में कुल 224 सीटों में 150 सीटों पर जीत दर्ज करेगी, जबकि ‘40 फीसदी वाली भाजपा सरकार’ को सिर्फ 40 सीटों से संतोष करना पड़ेगा।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष कर्नाटक के ठेकेदारों की उन शिकायतों की तरफ इशारा कर रहे थे, जिनमें उन्होंने आरोप लगाया है कि राज्य की भाजपा सरकार ने सरकारी ठेकों के बदले उनसे 40 फीसदी कमीशन की मांग की थी।
उन्होंने कहा, “बसवन्ना ने कहा था कि डरें मत, सच बोलें। आज अगर हम देखें, तो भाजपा और आरएसएस की विचारधारा है, जो देश में नफरत और हिंसा का माहौल पैदा कर रही है। प्रधानमंत्री और भाजपा नेता बसवन्ना के बारे में बोलते हैं, लेकिन उनकी शिक्षाओं का अनुसरण नहीं करते।”
कांग्रेस नेता ने कहा कि बसवन्ना ने समाज के कमजोर तबके की मदद करने की सीख दी थी, यह नहीं कहा था कि ‘अरबपतियों की मदद करें।’
उन्होंने कहा, “मैंने बसवन्ना की शिक्षाओं के बारे में पढ़ा है। उन्होंने कहीं भी नहीं लिखा है कि ‘देश की दौलत अडाणी के हाथों में दे दें।’ मैंने संसद में यह मुद्दा उठाया, मैंने प्रधानमंत्री से पूछा कि अडाणी से उनका क्या रिश्ता है?
देश की पूरी दौलत, बंदरगाह और हवाईअड्डे अडाणी को दिए जा रहे हैं; आप दोनों का रिश्ता क्या है?”
राहुल ने आरोप लगाया कि इन सवालों को पूछने के लिए पहले तो संसद में उनका माइक्रोफोन बंद कर दिया गया, फिर उनका भाषण संसद के रिकॉर्ड से हटा दिया गया और अंतत: उनकी लोकसभा सदस्यता भी समाप्त कर दी गई।
कांग्रेस नेता ने कहा, “उन्हें लगता है कि सच सिर्फ लोकसभा में बोला जा सकता है, लेकिन यह कहीं भी बोला जा सकता है, यहां तक कि इस जनसभा में भी।”
राहुल की जनसभा में एआईसीसी महासचिव के सी वेणुगोपाल, कर्नाटक कांग्रेस अभियान समिति के प्रमुख एम बी पाटिल और कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) के कार्यकारी अध्यक्ष सतीश जरकीहोली सहित कई अन्य नेता मौजूद थे।
राहुल ने रविवार सुबह कुदाल संगम से कर्नाटक के अपने दो दिवसीय दौरे की शुरुआत की, जहां उन्होंने बसवेश्वर की जयंती के अवसर पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
बसवन्ना के नाम से भी जाने जाने वाले बसवेश्वर लिंगायत संप्रदाय के संस्थापक थे। वहीं, कुदाल संगम कर्नाटक के प्रभावशाली समुदायों में से एक लिंगायत संप्रदाय का महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है।
राहुल के कर्नाटक दौरे को राज्य में 10 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले लिंगायत समुदाय के लोगों के बीच पार्टी की पहुंच बढ़ाने की कोशिशों के तौर पर देखा जा रहा है।
कर्नाटक की आबादी में लिंगायत समुदाय की 17 फीसदी हिस्सेदारी होने का अनुमान है। इस समुदाय को मुख्यत: सत्तारूढ़ भाजपा का वोट बैंक माना जाता है।
कांग्रेस की ओर से कर्नाटक में सत्ता में आने पर किए गए ‘वादों’, जिनमें सभी घरों को 200 यूनिट मुफ्त बिजली उपलब्ध कराना और हर परिवार की महिला प्रमुख को 2,000 रुपये की मासिक सहायता देना शामिल है, का जिक्र करते हुए राहुल ने कहा कि ये वादे बसवन्ना के विचारों से प्रेरित हैं।
उन्होंने कहा, “मैंने बसवन्ना के विचारों को पढ़ा है। मैंने उनका अध्ययन किया है, यह पता लगाने के लिए कि क्या 40 प्रतिशत कमीशन का कोई संदर्भ है, क्या लोगों को लूटने का कोई संदर्भ है, लेकिन यह कहीं नहीं मिला। कर्नाटक की भाजपा सरकार देश की सबसे भ्रष्ट है। वे जो कुछ भी करते हैं, उसके लिए 40 प्रतिशत कमीशन लेते हैं।
कांग्रेस नेता ने प्रधानमंत्री मोदी पर अपनी पार्टी के नेताओं और सरकार द्वारा किए जाने वाले भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई न करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कहते हैं कि वह भ्रष्टाचार के खिलाफ हैं, लेकिन वह अपने दाएं-बाएं नहीं देखते।