प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जल जीवन मिशन में कथित अनियमितताओं से जुड़े धनशोधन मामले की जांच के सिलसिले में राजस्थान के जन स्वास्थ्य अभियांत्रिक (पीएचई) विभाग के पूर्व मंत्री महेश जोशी और कुछ अन्य लोगों से जुड़े परिसरों पर मंगलवार को छापेमारी की। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।
पिछले साल भी एजेंसी ने केंद्र सरकार की योजना से जुड़े इस मामले में कम से कम दो बार छापेमारी की थी।
सूत्रों ने बताया कि पीएचई विभाग के पूर्व मंत्री जोशी से जुड़े परिसरों की धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत तलाशी ली जा रही है।
राज्य में हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जोशी को जयपुर की हवामहल सीट से चुनाव लड़ने के लिए टिकट देने से इनकार कर दिया था।
ईडी ने पिछले साल जयपुर और दौसा में कुछ अन्य लोगों के अलावा पीएचई विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों तथा भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी एवं तत्कालीन अतिरिक्त मुख्य सचिव सुबोध अग्रवाल के आवासीय और आधिकारिक परिसरों पर छापेमारी की थी।
इससे पहले एजेंसी ने दावा किया था कि कई बिचौलियों और प्रॉपर्टी डीलर ने जल जीवन मिशन से ‘‘अवैध रूप से अर्जित’’ धन की हेराफेरी के लिए राजस्थान सरकार के पीएचई विभाग के अधिकारियों की ‘‘मदद’’ की थी।
एजेंसी ने यह भी आरोप लगाया था कि जांच में पाया गया कि ठेकेदारों ने ‘इंडियन रेलवे कंस्ट्रक्शन इंटरनेशनल लिमिटेड (इरकॉन) द्वारा जारी कथित ‘‘फर्जी’’ कार्य समापन प्रमाणपत्रों के आधार पर और पीएचई विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को ‘‘रिश्वत’’ देकर जल जीवन मिशन के कार्यों से संबंधित निविदाएं हासिल की थीं।
राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने यह आरोप लगाया था केंद्रीय एजेंसियां विपक्षी नेताओं और कांग्रेस के नेतृत्व वाली राज्य सरकारों को निशाना बनाने के लिए केंद्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार के इशारे पर काम कर रही है।
वर्ष 2023 के राजस्थान विधानसभा चुनाव में भाजपा ने जीत हासिल की थी।
धनशोधन का यह मामला राजस्थान भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की ओर से दर्ज प्राथमिकी से संबद्ध है, जिसमें आरोप है कि श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी के मालिक पदमचंद जैन, श्री गणपति ट्यूबवेल कंपनी के मालिक महेश मित्तल और अन्य लोग पीएचई विभाग से प्राप्त विभिन्न निविदाओं के तहत उनके द्वारा किए गए कार्यों में अनियमितताओं को छिपाने, अवैध संरक्षण हासिल करने, निविदाएं हासिल करने औरबिल मंजूर कराने के लिए लोकसेवक को ‘‘रिश्वत देने’’ में शामिल थे।
केंद्र सरकार द्वारा शुरू किए गए ‘जल जीवन मिशन’ का उद्देश्य घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से साफ और पर्याप्त पेयजल उपलब्ध कराना है तथा राजस्थान में इस योजना पर काम राज्य के पीएचई विभाग द्वारा किया जा रहा है।