राजस्थान के कोटा में बिहार के 16 वर्षीय आईआईटी जेईई उम्मीदवार ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली। शुक्रवार को छात्र अपने छात्रावास के कमरे में पंखे से लटका मिला। पुलिस के अनुसार, यह आत्महत्या का मामला प्रतीत होता है। हालांकि, कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है। जांच जारी है और छात्र द्वारा इस कदम के पीछे का कारण अभी भी अज्ञात है। कोटा में कोचिंग छात्रों द्वारा आत्महत्या का यह 17वां मामला है। पिछले साल शहर में कोचिंग छात्रों द्वारा आत्महत्या के 26 मामले दर्ज किए गए थे।
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विज्ञान नगर थाने में मामला दर्ज
कोटा शहर के विज्ञान नगर थाना क्षेत्र में छात्र का शव उसके छात्रावास के कमरे में फंदे से लटका मिला। विज्ञान नगर थाने के सर्किल इंस्पेक्टर मुकेश मीना ने मीडिया को बताया कि मृतक छात्र 11वीं कक्षा में पढ़ता था और बिहार के वैशाली जिले का रहने वाला था।
फांसी रोकने वाली डिवाइस भी आत्महत्या को नहीं रोक पाई
लड़के को छत के पंखे से लटका हुआ पाया गया, जबकि कमरे में आत्महत्या रोकने वाली डिवाइस लगी हुई थी। पिछले साल छात्रों की आत्महत्या के मामलों में वृद्धि को देखते हुए, जिला प्रशासन ने एक आदेश जारी किया था, जिसमें सभी छात्रावासों और पेइंग गेस्ट (पीजी) आवासों को कमरों में स्प्रिंग-लोडेड पंखे लगाने की आवश्यकता थी।
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इस साल 17वाँ आत्महत्या का मामला
कोटा जिला प्रशासन और राजस्थान सरकार के कई उपायों के बावजूद, भारत के कोचिंग हब कोटा में छात्रों की आत्महत्या के मामले सामने आ रहे हैं। पिछले साल सितंबर में, राजस्थान सरकार ने आत्महत्या को रोकने के लिए कई एहतियाती उपाय किए, जिनमें अनिवार्य स्क्रीनिंग टेस्ट, रैंकिंग-आधारित सॉर्टिंग के बजाय छात्रों को वर्णानुक्रम में छांटना और केवल कक्षा 9वीं से ऊपर के छात्रों के लिए प्रवेश शामिल हैं।
केंद्र सरकार ने भी स्थिति का संज्ञान लिया और जनवरी में केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कोचिंग सेंटरों के लिए दिशा-निर्देश जारी किए, जिसमें 16 वर्ष से अधिक उम्र के छात्रों को ही दाखिला देने और उल्लंघन करने पर 1,00,000 रुपये का जुर्माना लगाने की बात कही गई।