राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए टिकट वितरण से नाराज कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बुधवार को अजमेर में विरोध प्रदर्शन किया। पार्टी ने अपनी 200 सदस्यीय विधानसभा के लिए 156 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की है। इससे पहले भी पार्टी के भीतर नाराजगी की खबर आई थी। उम्मीदवारों के चयन को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं में असंतोष पर बोलते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि यह स्वाभाविक है कि हर कोई संतुष्ट नहीं होगा और लोकतंत्र में मुख्यमंत्री भी अन्य पार्टी के नेताओं से परामर्श किए बिना सभी निर्णय नहीं ले सकते।
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अशोक गहलोत ने कहा कि यह स्वाभाविक है कि हर कोई संतुष्ट नहीं हो सकता। भले ही मैं सीएम हूं, लेकिन सभी फैसले वैसे नहीं ले सकते, जैसे मैं चाहता हूं। यही लोकतंत्र है। उन्होंने कहा कि बीजेपी में जिस तरह के उतार-चढ़ाव हो रहे हैं, आगजनी और तोड़फोड़ भी हुई है। उन्होंने दावा किया कि इस बार टिकट बड़े पैमाने पर सभी के सुझाव से बांटे गए हैं। हम चुनाव जीतेंगे। आम लोग चाहते हैं कि हमारी सरकार दोबारा सत्ता में आये क्योंकि हमने काम किया है। आज कांग्रेस विधायक खिलाड़ी लाल बैरवा ने राजस्थान एससी आयोग के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा कि 25 सितंबर को गद्दारी नहीं की, आलाकमान के साथ था, फिर क्यों कटा टिकट?
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वहीं, भाजपा ने कहा कि खिलाड़ी लाल बैरवा ने कांग्रेस पार्टी की दलित विरोधी मानसिकता को उजागर किया। राजस्थान में आपसी लड़ाई चरम पर है। सबसे पुरानी पार्टी ने 56 उम्मीदवारों की अपनी चौथी सूची जारी करने के कुछ घंटों बाद मंगलवार को पांच उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की। पिछले हफ्ते कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के लिए 19 उम्मीदवारों की अपनी तीसरी सूची जारी की थी। राजस्थान के लिए उम्मीदवारों की पहली सूची में 43 उम्मीदवार थे और दूसरी में 33 उम्मीदवार थे। राजस्थान में 25 नवंबर को मतदान होगा और वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी।