प्रवर्तन निदेशालय (ईडी)ने राज्य में शिक्षक भर्ती ‘घोटाले’ से जुड़े धनशोधन मामले की जांच के तहत राजस्थान लोकसेवा आयोग (आरपीएससी) के पूर्व सदस्य और कुछ अन्य एजेंटों की करीब तीन करोड़ की संपत्ति कुर्क कर ली। केंद्रीय एजेंसी ने सोमवार को यह जानकारी दी।
ईडी ने बयान में कहा कि धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत 18 अगस्त को आरपीएससी के पूर्व सदस्य बाबूलाल कटारा, सुरेश कुमार उर्फ सुरेश बिश्नोई, सुरेश ढाका, भूपेंद्र सारण, अनिल मीणा उर्फ शेर सिंह मीणा और अन्य की संपत्ति कुर्क करने का आदेश जारी किया गया था।
एजेंसी ने बताया कि जब्त की गई संपत्तियों की कुल कीमत 3.11 करोड़ रुपये है, लेकिन उसने प्रत्येक आरोपियों की जब्त संपत्तियों की अलग-अलग अनुमानित कीमत नहीं बताई है।
यह जांच वरिष्ठ शिक्षक ग्रेड-द्वितीय प्रतियोगी परीक्षा 2022 के लिए 21,22 और 24 दिसंबर 2021 को संपन्न परीक्षा में सामान्य ज्ञान के प्रश्नपत्र लीक होने से जुड़ा है। इस परीक्षा का आयोजन आरपीएसपी ने कराया था।
ईडी ने कहा कि कटारा ने ‘‘ प्रश्नपत्र को लीक किया और उसे अनिल मीणा उर्फ शेर सिंह मीणा को बेच दिया जिसने इसे आगे भूपेंद्र सारण,सुरेश ढाका और अन्य एजेंटों तक पहुंचाया।’’
एजेंसी ने आरोप लगाया, ‘‘लीक प्रश्नपत्र को आठ से 10 लाख रुपये प्रति उम्मीदवार की दर से अभ्यार्थियों को बेचा गया।’’
ईडी ने बताया कि लीक प्रश्नपत्र उदयपुर में करीब 150 अभ्यार्थियों को और जयपुर के करीब 30 प्रतियोगियों को उपलब्ध कराया गया। उसने बताया कि आरोपी ‘ प्रश्नपत्र लीक करने और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए छद्म उम्मीदवार से परीक्षा दिलाने सहित’’ विभिन्न कदाचार में संलिप्त थे।
ईडी ने धनशोधन का मामले की जांच राजस्थान पुलिस द्वारा आरोपियों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के आधार पर शुरू की।
राजस्थान पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने मामले की जांच के दौरान कटारा को गिरफ्तार किया था।