राजस्थान में इस साल विधानसभा के चुनाव होने हैं। इसको लेकर राजस्थान की राजनीति में जबरदस्त हलचल मची हुई है। यह हलचल कांग्रेस में कुछ ज्यादा ही है। कांग्रेस में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट गुट आमने-सामने हैं और यही कारण है कि कहीं ना कहीं दोनों के टकराव की खबरें भी सामने आती रहती है। पिछले दिनों कांग्रेस आलाकमान की बैठक हुई थी। इस बैठक के बाद दावा किया गया था कि अशोक गहलोत और सचिन पायलट लौटकर चुनाव लड़ेंगे और हमारा चुनाव जीतना ही एकमात्र लक्ष्य है।
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लेकिन अब खबर आ रही है कि आलाकमान के फैसले को लेकर सचिन पायलट अभी भी खुश नहीं है और वह आने वाले 11 तारीख को अपने पिता राजेश पायलट की पुण्यतिथि पर नई पार्टी की घोषणा कर सकते हैं। इसको लेकर तरह-तरह के दावे भी किए जा रहे हैं। अटकलों की माने तो उन्होंने संबंधित अधिकारियों के समक्ष दो दलों के नाम दर्ज करा दिए हैं। सूत्रों ने कहा कि दो पार्टियों के नाम – प्रगतिशील कांग्रेस और राज जन संघर्ष पार्टी – पंजीकृत किए गए हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि पायलट इसके लिए अपने लोगों से मिल रहे हैं। हालांकि, पायलट ने अभी तक कोई घोषणा नहीं की है।
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हालांकि, कांग्रेस ने खबरों को खारिज किया है। कांग्रेस के राजस्थान प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने साफ तौर पर कहा है कि मैं यह सब बातें सिर्फ मीडिया के जरिए ही सुन रहा हूं। साथ ही साथ उन्होंने यह भी कहा कि वे पहले भी ऐसा नहीं चाहते थे और अभी भी नहीं चाहते हैं। सुखजिंदर सिंह रंधावा ने यह भी कहा है कि मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, केसी वेणुगोपाल की मौजूदगी में सचिन पायलट और अशोक गहलोत की बैठक हुई थी। इस बैठक में मिलकर चुनाव लड़ने की बात कही गई थी। दोनों नेताओं ने बड़े नेताओं की बात को गंभीरता से सुना था और उस पर अपनी सहमति दी थी।