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Tawang Clash | अरुणाचल प्रदेश की सीमा पर में भारत-चीन की झड़प को लेकर राजनाथ सिंह ने बुलाई बैठक, NSA डोभाल-CDS, तीनों सेना प्रमुख रहे मौजूद

अरुणाचल प्रदेश: अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प को लेकर सरकार ने एक आपात बैठक बुलाई। इस बैठक को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने समय की संगीनता को देखते हुए बुलाई हैं। बैठक में तीनों सेना के अध्यक्ष, सीडीएस और एनएसए अजीत डोभाल भी शामिल थे। बैठक खत्म हो गयी हैं। चीन की इस हरकत पर भारत का क्या रूख होने वाला हैं इसके बारें संसद में सरकार जवाब दे सकती हैं। शीतकालीन सत्र के दौरान कांग्रेस ने भारत- चीन के बीच हुई तवांग में झड़प को लेकर चर्चा करने की मांग की हैं।
 
 भारतीय सेना और चीन के बाच तवांग सेक्टर में झड़प
 9 दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हाल ही में हुई झड़प में, हमले में शामिल लगभग 200 चीनी सैनिकों ने कथित तौर पर नुकीले क्लब और लाठियां ले रखी थीं। चीनी सैनिक भारतीय पोस्ट को हटवाने के लिए आये थे लेकिन हमला करने आये चीनी सैनिकों को भारतीय सेना ने मुहतोड़ जवाब दिया और उनके मंसूबों को कामयाब नहीं होने दिया। उपलब्ध जानकारी के अनुसार, दोनों पक्षों को आमने-सामने आने के बाद चोटें आईं, हालांकि कोई भी मारा नहीं गया। चीनी पक्ष के घायल सैनिकों की संख्या बढ़ सकती है। सूत्रों के हवाले से ये दावा किया गया हैं।
 
भारतीय सेना ने चीनियों को दिया मुंहतोड़ जवाब
सूत्रों ने कहा कि 300 से अधिक चीनी सैनिकों ने 17,000 फुट ऊंची चोटी तक पहुंचने का प्रयास किया था और भारतीय सेना के जवानों ने उन्हें विफल कर दिया था। यह इलाका अब बर्फ की चपेट में है। चीनी सैनिक एक भारतीय चौकी को उखाड़ना चाहते थे, लेकिन भारत की ओर से इस प्रयास को सफलतापूर्वक टाल दिया गया। दोनों पक्ष तुरंत क्षेत्र से हट गए।
 
तवांग में चीन-भरत की झड़प को  लेकर कांग्रेस ने साथ सरकार पर निशाना
इस बीच झड़प की खबर सामने आने के बाद कांग्रेस पार्टी ने केंद्र पर निशाना साधा है। पार्टी ने सरकार से बीजिंग को ‘सख्त लहजे’ में ‘समझाने’ का आग्रह किया। अरुणाचल के तवांग सेक्टर के यांग्स्ते इलाके में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर दोनों पक्षों के बीच झड़पें हुईं। कांटों का व्यापार करने के कारण दोनों पक्षों के सैनिकों को चोटें आईं। आमने-सामने की लड़ाई में दोनों पक्षों के कुछ कर्मियों को मामूली चोटें आईं। समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, झड़प में कम से कम छह भारतीय सैनिक घायल हो गए और उन्हें इलाज के लिए गुवाहाटी लाया गया।
चीन के प्रति ‘सख्त लहजे’ में असहिष्णुता जताएं: कांग्रेस
इस अप्रिय घटनाक्रम को ध्यान में रखते हुए, कांग्रेस ने तुरंत प्रधानमंत्री की आलोचना की और केंद्र से ‘कड़े स्वर’ में चीन के प्रति असहिष्णुता व्यक्त करने का आग्रह किया। कांग्रेस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल आईएनसी इंडिया ने शेयर किया “अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प की खबर आ रही है। अब समय आ गया है कि सरकार अपने ढुलमुल रवैये को छोड़कर चीन को कड़े लहजे में समझाए कि उसकी हरकत बर्दाश्त नहीं की जाएगी।” 
जून 2020 में, भारतीय और चीनी सैनिक लद्दाख की गैलवान घाटी में चीनी कब्जे वाले तिब्बती पठार को खत्म करते हुए आमने-सामने की लड़ाई में शामिल थे। जून 2020 में गालवान घाटी में भयंकर संघर्ष के बाद भारत और चीन के बीच संबंधों में काफी गिरावट आई, जिसने दशकों में दोनों पक्षों के बीच सबसे गंभीर सैन्य संघर्ष को चिह्नित किया।

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