रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुजरात के गिर सोमनाथ जिले में आयोजित ‘सौराष्ट्र-तमिल संगमम्’ कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने राहुल गांधी पर तंज कसा है। राजनाथ ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को लेकर परोक्ष रूप से उन पर निशाना साधा और कहा कि जो लोग कुछ और करने में सक्षम नहीं हैं, वे भारत को जोड़ने के लिए निकल पड़े, जो ‘एकजुट और अभेद्य’ है। सिंह ने राहुल गांधी की ओर से सितंबर 2022 से जनवरी 2023 तक निकाली गयी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का हवाला देते हुए कहा, ‘‘लेकिन ऐसे अखंड, अभेद्य और अद्वितीय भारत को जोड़ने का फैशन है। जो कुछ और नहीं कर पाते हैं वे भारत को जोड़ने निकल पड़ते हैं, लेकिन भारत कह रहा है कि ‘मैं अखंड हूं, मैं टूटा नहीं हूं, लेकिन वे कहते हैं कि नहीं, मैं आपको जोड़ता रहूंगा।
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राजनाथ ने यह भी कहा कि आप सभी, राष्ट्र के उपयुक्त विकास के लिए अनेक प्रकार की सुरक्षा से अवगत होंगे। आप सभी सीमा सुरक्षा, आर्थिक सुरक्षा, सामाजिक सुरक्षा, खाद्य सुरक्षा, ऊर्जा सुरक्षा, और पर्यावरण सुरक्षा के बारे में अवगत होंगेI अब तो स्पेस और साइबर सुरक्षा जैसे नए-नए आयाम भी इसमें जुड़ गए हैं। इनके साथ ही सुरक्षा का एक और भी आयाम है, जिसमें सुरक्षा उतनी ही आवश्यक है जितनी बाकी सब में; और वह आयाम है हमारी संस्कृति का, हमारे सांस्कृति का। इसे मुझे कोई नाम देना हो, तो उसे मैं ‘सांस्कृतिक सुरक्षा’, अथवा ‘सांस्कृतिक सुरक्षा’ का नाम देना चाहूँगा उन्होंने कहा कि देश की पहचान अक्षुण्ण रखने के लिए ‘सांस्कृतिक सुरक्षा’ भी उतनी ही महत्वपूर्ण है, जितने सुरक्षा के अन्य पहलू।
रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत, जो एक शाश्वत विचार के रूप में अनादिकाल से चला आ रहा है। ऐसा भारत, जो एक भूखंड मात्र न होकर अपने निवासियों के हृदय का भाव है; और ऐसा भारत, जो सभ्यता के रूप में सर्व समावेशी और उदारता का पर्याय है। उन्होंने कहा कि भारत भी हमारे लिए कोई बाहरी चीज़ नहीं है। भारत हमारे भीतर बसता है, और इसलिए भारत की परिभाषा देना बड़ा कठिन कार्य है। भारत दिमाग से समझने की चीज़ नहीं है, भारत अनुभूति का विषय है। उन्होंने कहा कि भारत को, यहाँ के जन-जन के अंतर्मन में पहुँच कर ही जाना जा सकता है, अनुभव किया जा सकता है। इसलिए भारत को आप खोजने निकलेंगे, तो वह आपको निष्ठा के साथ खेती करते किसान में मिलेगा, मज़दूर में मिलेगा, और समर्पण के साथ राष्ट्र की सेवा में संलग्न यहाँ की जनता में मिलेगा।
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भाजपा नेता ने कहा कि भारत आपको द्वादश ज्योतिर्लिंगों में मिलेगा, 52 शक्तिपीठों में मिलेगा और चार धामों में मिलेगा। भारत, आपको शंकराचार्य और संत तिरुवल्लुवर के ज्ञान में दिखाई देगा, कबीर और गुरुनानक की बानी में दिखाई देगा, नरसी मेहता, श्री शंकरदेव, तुलसी, सूर और मीरा की भक्ति में दिखाई देगा। भारत जैसे देश के लिए कितने गर्व की बात है, कि यहाँ उन समुदायों को न केवल रहने के लिए शरण मिली, बल्कि भारत में रहकर वे समुदाय भी भारत बन गए, इसका एक अभिन्न अंग बन गए। मुझे भारत की परंपरा जो ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के संदेश के रूप में, पूरे विश्व को एकसूत्र में पिरोने का संदेश देती है। आज तक अपनी पैतृक भूमि से अलग रहे इस समुदाय को, प्रधानमंत्री मोदीजी के प्रयास से न सिर्फ़ अपनी पैतृक भूमि पर आने का अवसर प्राप्त हुआ है, बल्कि इस मिलन को एक महोत्सव के रूप में मनाने का सौभाग्य भी प्राप्त हुआ है। हमारे यहाँ कहा गया है, कि ‘जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी।