सतारा। अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा के वरिष्ठ नेता रामराजे नाइक निंबालकर ने रविवार को कहा कि उन्हें शरद पवार का साथ छोड़ने पर पछतावा हो रहा है, लेकिन उन्होंने ऐसा अपने कार्यकर्ताओं की सुरक्षा के लिए किया। निंबालकर का यह बयान राज्य विधानसभा चुनावों से पहले शरद पवार नीत राकांपा (एसपी) में उनकी वापसी की बढ़ती चर्चा के बीच आया है।
अपने 75वें जन्मदिन के अवसर पर फलटण में आयोजित एक कार्यक्रम मेंनिंबालकर ने कहा कि उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं की सुरक्षा के लिए शरद पवार से नाता तोड़कर उपमुख्यमंत्री अजित पवार की पार्टी के साथ जाने का फैसला किया। राज्य विधान परिषद के पूर्व सभापति ने कहा, ‘हालांकि, ऐसा नहीं हुआ। जुलाई 2023 में अजित पवार कई अन्य विधायकों के साथ शिवसेना-भाजपा सरकार में शामिल हो गए, जिससे उनके चाचा शरद पवार द्वारा स्थापित राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) में विभाजन हो गया।’
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राकांपा (शरदचंद्र पवार) में शामिल होने की अटकलों का जिक्र करते हुए वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘मैं (शरद) पवार साहब का सामना कैसे कर सकता हूं, जिन्होंने मुझे 2009 में मंत्री बनाया था, जबकि मैं विधायक भी नहीं था? मुझे उनका साथ छोड़कर जाने पर पछतावा हो रहा है। मैंने अपने कार्यकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ऐसा किया था। लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है।’
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रामराजे नाइक निंबालकर ने कहा कि उन्होंने अजित पवार और देवेंद्र फडणवीस को सूचित कर दिया था कि वह हालिया लोकसभा चुनावों के दौरान भाजपा सांसद रंजीत निंबालकर के लिए प्रचार नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि वह कार्यकर्ताओं से चर्चा के बाद अपने राजनीतिक भविष्य के बारे में फैसला करेंगे।