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Rangbhari Ekadashi के अवसर पर अयोध्या, मथुरा और काशी में जमकर उड़ा अबीर और गुलाल

देशभर में आज रंगभरी एकादशी का त्योहार हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। खासकर धर्मस्थलों पर इस पर्व की धूम देखते ही बन रही है। अयोध्या, मथुरा और काशी में आज रंगभरी एकादशी पर रौनक देखते ही बन रही है। बात अयोध्या की करें तो यहां रंगभरी एकादशी पर साधु संतों की टोली होली खेलते हुए गलियों गलियों से जय सियाराम के जयकारे लगाते हुए गुजरी। इस दौरान संतों ने एक-दूसरे को गुलाल लगाया। अयोध्या में चूंकि भव्य राम मंदिर का निर्माण हो रहा है। ऐसे में संत काफी ज्यादा उत्साहित दिखाई दिए। उनका कहना है कि राम मंदिर का निर्माण इस साल के अंत तक पूरा हो जायेगा इसलिए ये होली और भी खास होने वाली है।
दूसरी ओर भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली मथुरा में भी रंगभरी एकादशी पर श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बन रहा था। मथुरा में सभी मंदिरों में इस अवसर पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही। श्रद्धालु होली की मस्ती में दिखाई दिये। इस अवसर पर सुरक्षा के भी कड़े प्रबंध किये गये थे।

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हम आपको बता दें कि रंगभरी एकादशी फाल्गुन मास की अंतिम एकादशी होती है। फाल्गुन शुक्ल पक्ष की एकादशी को रंगभरी एकादशी का व्रत किया जाता है। इस दिन भगवान शिव के साथ श्री विष्णु और आंवले के वृक्ष की पूजा होती है। रंगभरी एकादशी के दिन काशी विश्वनाथ की नगरी वाराणसी में भगवान शंकर समेत शिव परिवार की पूजा की जाती है। मान्यता है कि बाबा विश्वनाथ माता पार्वती के साथ नगर भ्रामण करते हैं और पूरी नगरी में गुलाल से होली खेली जाती है। कहा जाता है कि विश्वनाथ माता गौरा का गौना कराकर पहली बार काशी आए थे, तब उनका स्वागत रंग, गुलाल से किया गया था। इस वजह से हर साल काशी में रंगभरी एकादशी के दिन बाबा विश्वनाथ और माता गौरा का धूमधाम से गौना किया जाता है।

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