Breaking News

दुर्लभ बीमारी: केरल का एक परिवार इच्छा-मृत्यु की अनुमति मांगने के लिए न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगा

केरल के कोट्टयम का एक दंपती एक दुर्लभ जन्मजात बीमारी से पीड़ित अपने बच्चों का इलाज जारी रखने के प्रयास में विफल होने के कारण अपने परिवार के सभी पांच सदस्यों की इच्छा-मृत्यु की अनुमति मांगने के लिए उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की तैयारी कर रहा है।
इस जिले के कोझुवनाल के रहने वाले दंपती- स्मिता एंटनी और मनु जोसेफ- को इच्छा-मृत्यु के लिए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाने का फैसला लेना पड़ा, क्योंकि उन्हें अपने तीन बच्चों में से दो का इलाज जारी रखने का कोई रास्ता नहीं मिल रहा था। ये दोनों बच्चे जो सॉल्ट-वेस्टिंग कंजेनिटल एड्रेनल हाइपरप्लासिया (एसडब्ल्यूसीएएच) से पीड़ित हैं।
स्मिता ने कहा कि हालांकि वह और उनके पति पेशे से नर्स थे, लेकिन वे काम पर नहीं जा सकते थे, क्योंकि उन्हें अपने दूसरे और तीसरे बच्चों की पूरी देखभाल के लिए घर पर रहना पड़ता था।

उन्होंने यहां पत्रकारों से कहा कि सैंट्रिन और सैंटियो दोनों के एसडब्ल्यूसीएएच से पीड़ित होने का पता चला था और पहला बच्चा भी 90 प्रतिशत ऑटिस्टिक था।
उन्होंने कहा कि इलाज के खर्च और बच्चों के लिए दवाइयां खरीदने के लिए उन्होंने अपनी संपत्ति गिरवी रखी और बेची भी दी।
स्मिता ने कहा, ‘‘हम अपने दैनिक खर्चों, दोनों छोटे बच्चों के इलाज और सबसे बड़े बच्चे की शिक्षा के लिए मशक्कत कर रहे हैं। चूंकि कोई आय नहीं है, इसलिए जिंदगी नहीं जी जा सकती।’’
महिला ने आरोप लगाया कि हालांकि, उन्होंने नौकरी और इलाज के लिए सहायता की मांग करते हुए स्थानीय पंचायत से संपर्क किया, लेकिन उन्होंने कोई सहायता नहीं की।
उन्होंने यह भी कहा कि पंचायत समिति ने कुछ समय पहले एकजुट होकर उन्हें नौकरी देने का फैसला किया था, लेकिन इसके सचिव ने फैसले के संबंध में सरकार को आवश्यक कागजात नहीं भेजे।

उन्होंने कहा कि कई बार शिकायत दर्ज कराने के बावजूद अभी तक कुछ नहीं हुआ है।
महिला ने बताया कि सचिव ने बाद में मानवाधिकार आयोग के हस्तक्षेप के बाद फाइल सरकार को भेज दी थी, लेकिन संबंधित नौकरी के बारे में अब तक कोई निर्णय नहीं लिया गया।
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, हमारे परिवार के पास अब इच्छा-मृत्यु का अनुरोध करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। हम अब उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने पर विचार कर रहे हैं।’’
स्मिता ने यह भी कहा कि उनका परिवार गंभीर मानसिक आघात से गुजर रहा है।

Loading

Back
Messenger