भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) की वरिष्ठ अधिकारी रश्मि शुक्ला बृहस्पतिवार को महाराष्ट्र की पहली महिला पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) नियुक्त की गईं।
राज्य के गृह विभाग ने इस आशय का आदेश जारी किया। वर्ष 1988 बैच की आईपीएस अधिकारी शुक्ला (59) प्रतिनियुक्ति पर सशस्त्र सीमा बल की महानिदेशक के रूप में पदस्थ थी।
तत्कालीन डीजीपी रजनीश सेठ के 31 दिसंबर, 2023 को सेवानिवृत्त होने के बाद मुंबई के पुलिस आयुक्त विवेक फणसलकर को डीजीपी का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया था।
शुक्ला पिछली महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार के कार्यकाल के दौरान विवादों में घिर गई थीं, जब उन्हें फोन टैपिंग मामलों में आरोपी के रूप में नामजद किया गया था।
बंबई उच्च न्यायालय ने सितंबर 2023 में इस संबंध में शुक्ला के खिलाफ दर्ज दो प्राथमिकी को रद्द कर दिया।
जब देवेन्द्र फडणवीस राज्य के मुख्यमंत्री थे और शुक्ला राज्य के खुफिया विभाग की प्रमुख थीं, तब कुछ विपक्षी नेताओं के फोन कथित तौर पर अवैध रूप से टैप करने के लिए पुणे और दक्षिण मुंबई के कोलाबा में दो प्राथमिकी दर्ज की गई थीं।
पुणे का मामला प्रदेश कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले के फोन कॉल कथित तौर पर रिकॉर्ड करने के लिए दर्ज किया गया था, जबकि मुंबई का मामला शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता एकनाथ खडसे के फोन कॉल कथित तौर पर रिकॉर्ड करने के लिए दर्ज किया गया था।
विपक्ष के नेता के रूप में फडणवीस द्वारा पुलिस विभाग में तबादलों में कथित भ्रष्टाचार के बारे में तत्कालीन महाराष्ट्र पुलिस महानिदेशक को कथित तौर पर शुक्ला द्वारा लिखे गए एक पत्र का हवाला देने के बाद प्राथमिकी दर्ज की गई। पुणे में दर्ज प्राथमिकी में पुलिस ने ‘सी-समरी रिपोर्ट’ (मामला न तो गलत है और न ही सच है) प्रस्तुत की थी और मामले को बंद करने की मांग की थी, जबकि मुंबई के मामले में सरकार ने शुक्ला के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी देने से इनकार कर दिया था। फडणवीस अब उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री हैं।