शिवसेना (उद्धव बाल ठाकरे) नेता संजय राउत ने सोमवार को जोर देकर कहा कि उद्धव नीत शिवसेना ही ‘वास्तविक शिवसेना’है। उन्होंने एकनाथ शिंदे गुट के एक नेता की यह सलाह भी खारिज कर दी जिसमें उन्होंने ठाकरे से दोनों प्रतिद्वंद्वी गुटों के एकीकरण के लिए आत्मावलोकन करने को कहा था।
राज्यसभा सदस्य राउत ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि आत्मावलोकन करने की जरूरत नहीं है और इस तरह की सलाह प्रतिद्वंद्वी गुट की हताशा को इंगित करती है।
उल्लेखनीय है कि शिंदे के नेतृत्व में एक धड़े ने पार्टी नेतृत्व से जून 2022 में बगावत कर दी थी जिसके बाद पार्टी दो दुकड़ों में बंट गईऔर महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे नीत महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार गिर गई थी। शिंदे बाद में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के समर्थन से मुख्यमंत्री बने।
शिंदे नीत बालासाहेबंची शिवसेना के प्रवक्ता दीपक केसरकर ने रविवार को कहा था कि ठाकरे को आत्मावलोकन करना चाहिए जिससे दोनों गुटों का एकीकरण हो सकता है।
ठाकरे के करीबी सहयोगी राउत ने सोमवार को कहा ‘‘उनकी (केसरकर की) सलाह हताशा से उपजी है। राज्य की जनता ने तय कर लिया है कि ‘धोखेबाजों’ को विधानसभा या लोकसभा नहीं भेजा जाना चाहिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना ही वास्तविक शिवसेना है। अगर धोखेबाज लोग हमें आत्मावलोकन के लिए कहते हैं तो यह मुश्किल है। आत्मावलोकन की जरूरत नहीं है। उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना आगे बढ़ रही है जैसे वह पहले बढ़ी थी।’’
राउत ने दावा किया कि शिंदे पक्ष में भी अलग-अलग गुट है और एक दूसरे के लिए परेशानी खड़ी कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘यह (शिंदे नीत) सरकार नहीं चलेगी। आधे विधायक भाजपा में शामिल हो जाएंगे और यही उनका लक्ष्य है क्योंकि शिवसेना उन्हें स्वीकार नहीं करेगी तथा उनके पास दूसरा कोई विकल्प नहीं है।’’
राज्यसभा सदस्य ने दावा किया कि शिंदे गुट के 16 विधायकों को अयोग्य ठहराने की अर्जी उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन हैं और वे अयोग्य करार दिए जाएंगे क्योंकि ठाकरे गुट का पक्ष कानूनी रूप से मजबूत है।