Breaking News

आंबेडकर के प्रति नेहरू की नफरत जगजाहिर, Selected Works of Jawahar Lal Nehru के किस संदर्भ का जिक्र कर शाह ने उठाए कांग्रेस की मंशा पर सवाल

समय के हिसाब से सियासत बदलती है और उस सियासत के हिसाब से नायक भी बदले जाते हैं। आज बाबा साहब भीमराव अंबेडकर सभी राजनीतिक पार्टियों की जरूरत बन गए हैं।  ये इतिहास की वो रस्साकस्सी है जिसमें तमाम शख्सियतों को अपने खेमें में डालने की होड़ में सभी पार्टियां लगी हैं। चाहे वो महात्मा गांधी से लेकर पटेल हों या पटेल से लेकर अंबेडकर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बाबा साहब अंबेडकर के सिद्धांतो पर चलकर पीएम बनने की बात करते नजर आते हैं। पीएम ने संविधान निर्माता को श्रद्धांजलि देने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। वहीं लोकसभा चुनाव के वक्त विपक्ष एक नैरेटिव चलाता है कि बीजेपी सत्ता में आई तो संविधान बदल कर आरक्षण खत्म कर देगी, और ये बात चुनावी मुद्दा बन गई। पूरे चुनाव में राहुल गांधी ने आरक्षण को मुद्दा बनाया। हर चुनावी रैली में संविधान की कॉपी लेकर भाषण दिया। यहां तक की वो सांसद के तौर पर शपथ लेने गए तो उस वक्त भी उनके हाथों में संविधान की कॉपी नजर आई। उसी संविधान के 75 साल पर संसद में हुई चर्चा में दिए एक बयान ने नया राजनीतिक घमासान खड़ा कर दिया है। अमित शाह के आंबेडकर को लेकर दिए बयान पर कांग्रेस ने मोर्चा खोल रखा है। वहीं बीजेपी की तरफ से इसे विपक्ष की शर्मनाक हरकत मचाकर तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर पेश करने का दावा किया जा रहा है। 

इसे भी पढ़ें: आंबेडकर और आरक्षण विरोधी है कांग्रेस, प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बोले अमित शाह- सत्य उजागर होने पर झूठ फैलाना शुरू कर दिया

कांग्रेस के आरोपों के बीच गृह मंत्री अमित शाह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए इतिहास के कुछ तथ्यों का उल्लेख कर ये बताने की कोशिश की है कि बीजेपी नहीं बल्कि कांग्रेस ने ही समय समय पर बाबा साहब का अपमान किया है। वहीं बीजेपी और मोदी सरकार को आंबेडकर के सपनों को आकार देने में लगी है। अमित शाह ने इसके लिए इतिहास के कुछ पन्नों को फिर से खोला है। अमित शाह ने कहा कि जब संसद में चर्चा चल रही थी, तो यह साबित हो गया कि कांग्रेस ने किस तरह बाबा साहेब अंबेडकर का विरोध किया। किस तरह कांग्रेस ने बाबा साहेब की मृत्यु के बाद भी उनका मजाक उड़ाने की कोशिश की। जहां तक ​​भारत रत्न देने की बात है, कांग्रेस के नेताओं ने कई बार खुद को भारत रत्न दिया है। नेहरू जी ने 1955 में खुद को भारत रत्न दिया, इंदिरा गांधी ने 1971 में खुद को भारत रत्न दिया और बाबा साहेब को 1990 में भारत रत्न मिला, जब कांग्रेस पार्टी सत्ता में नहीं थी और भारतीय जनता पार्टी द्वारा समर्थित सरकार थीष अंबेडकर के प्रति नेहरू की नफरत जगजाहिर है। एक सर्वदलीय मंत्रिमंडल पहली देश की कैबिनेट बनी जिसमें बाबा साहेब अंबेडकर भी सदस्य थे, नेहरू जी प्रधानमंत्री थे। नेहरू जी की किताब ‘सेलेक्टेड वर्क्स ऑफ जवाहरलाल नेहरू’ में एक और उल्लेख आता है। नेहरू जी के आश्वासन के बावजूद भीम राव अंबेडकर को कोई महत्वपूर्ण विभाग नहीं दिया गया… एक ओर कांग्रेस पार्टी है। जब तक कांग्रेस सत्ता में रही बाबा साहेब अंबेडकर का कोई स्मारक नहीं बना। जहां-जहां विपक्ष की सरकारें आती गईं, स्मारक बनते गए। 

इसे भी पढ़ें: Parliament Diary: Ambedkar के संदर्भ में Amit Shah के बयान को विपक्ष ने बनाया हंगामे का आधार, नहीं चली संसद

भाजपा की सरकारों ने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने बाबा साहेब के जीवन से संबंधित पंचतीर्थ का विकास किया, मध्य प्रदेश में महू, लंदन में डॉ॰ भीमराव रामजी आंबेडकर स्मारक, नागपुर में दीक्षाभूमि, दिल्ली में राष्ट्रीय स्मारक और महाराष्ट्र के मुंबई में चैत्रभूमि का विकास करने का काम भाजपा की सरकारों ने किया। 19 नवंबर 2015 को पीएम मोदी ने अंबेडकर जी के सम्मान में 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में घोषित किया। अमित शाह ने कहा कि यहां तक कि बाबा साहेब की 100वीं जयंती को मनाने की मनाही कर दी गई। कांग्रेस पार्टी के कार्यकाल में बाबा साहब अम्बेडकर का कोई स्मारक नहीं बनाया गया। जब अन्य पार्टियाँ सत्ता में आईं तो उन्होंने स्मारक बनवाया। पीएम मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार ने बाबा साहेब अंबेडकर की याद में पंचतीर्थ विकसित किया।

Loading

Back
Messenger