नयी दिल्ली। कांग्रेस ने कतर से भारतीय नौसेना के आठ पूर्व कर्मियों की रिहाई का सोमवार को स्वागत किया और कहा कि अगर सरकार ने समय रहते कदम उठाया होता, तो महीनों तक असमंजस की स्थिति नहीं बनी रहती। कतर ने जेल में बंद भारतीय नौसेना के उन आठ पूर्व कर्मियों को रिहा कर दिया है, जिन्हें कथित रूप से जासूसी के एक मामले में पिछले साल अक्टूबर में मौत की सजा सुनाई गई थी। इनमें से सात भारत लौट आए हैं।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘सभी देशवासियों के साथ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस भी खुद को इस खुशी में शामिल करती है कि कतर में अदालत से फांसी की सजा पाने वाले भारतीय नौसेना के आठ पूर्व अधिकारी रिहा होकर घर वापस आ गए हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम उन्हें और उनके परिजनों को बधाई और शुभकामनाएं देते हैं।’’ कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा, ‘‘यह एक बड़ी राहत है और सभी भारतीय नागरिकों के लिए एक हर्ष का विषय है कि कतर में मौत की सजा का सामना कर रहे हमारे आठ देशवासी रिहा हो गए हैं और घर लौट आए हैं। उनकी रिहाई के लिए पर्दे के पीछे काम करने वाले सभी लोगों को बधाई।’’
पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम इसका स्वागत करते हैं। हम राहत महसूस करते हैं कि वे अपने परिवारों के पास लौटे। लेकिन स्थिति यहां तक पहुंची क्यों? किसी को पता नहीं था कि आरोप क्या थे? स्थिति इतनी गंभीर हुई कि उनको मौत की सजा सुना दी गई?’’ उन्होंने कहा कि कतर के साथ द्विपक्षीय संबंधों के 50 साल पूरे होने की वर्षगांठ मना रहे हैं, तब ऐसी स्थिति पैदा हुई।
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सुप्रिया ने कहा कि कांग्रेस ने संसद के भीतर और बाहर इस मुद्दे को उठाया तथा सरकार को जगाने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि अगर सरकार समय रहते कदम उठाती, तो यह असमंजस की स्थिति कई महीनों तक नहीं रहती। कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘हर बार आप (सरकार) विफल होंगे, लेकिन जब कोई समाधान निकल आएगा, तो फिर कहेंगे कि आपकी जीत हुई है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस सोती हुई सरकार को जगाने का काम करेंगे।