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Sirf Ek Bandaa Kaafi Hai: सबका साथ, सबका विश्वास वाला रिजल्ट, 20 पार्टियां मिलकर जितना लाई, बीजेपी अकेले ही उससे ऊपर आई

नरेंद्र मोदी के सत्ता के शिखर पर कदमताल करने की कहानी लिखे जाने के बाद दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय तो जैसे अपने सबसे बड़े स्टार के लिए पलके बिछाए बैठा था। यह तो तय है कि मोदी तो मोदी हैं और मोदी जैसा कोई नहीं। एनडीए को तीसरी बार  मिली इस सफलता के मैन ऑफ द मैच नरेंद्र मोदी और उनके सहयोगियों की जोड़ी पूरे देश में ऐसी दौड़ी की क्या बिहार क्या ओडिशा क्या आंध्रा एक-एक कर सारे प्रदेश भाजपा की झोली में आकर गिरने लगे। जिसके बाद नरेंद्र मोदी का भाजपा मुख्यालय में कार्यकर्ताओं द्वारा ऐसा स्वागत तो बनता है। पुष्पहार, बंदनवार, तोरण द्वार, फूलों की बौछार और मुद्रा कुछ ऐसी की तेरा तुझको अर्पण क्या लागे मेरा। 

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बीजेपी मुख्यालय में पहुंचे नरेंद्र मोदी के संबोधन में ऊर्जी में कोई कमी दिखाई नहीं दी। भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी रहेगी और हम ऐसे ही बड़े फैसले लेते रहेंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि 1962 के बाद ऐसा पहली बार हो रहा है कि कोई सरकार तीसरी बार सत्ता में आ रही है। इसके साथ ही सारे एग्जिट पोल गलत साबित हुए। 400 पार का नारा देने वाला एनडीए 290 सीटों पर आकर रूक गया। वहीं एनडीए को कड़ी टक्कर देने वाला इंडिया गठबंधन उसे 234 सीटें मिली। विपक्ष इसे अपनी जबरदस्त सफलता मान रहा है। उसे लग रहा है कि वो मीद को हटाने के बेहद करीब पहुंच चुका है। लेकिन सच्चाई ये है कि एनडीए को पूर्ण बहुमत मिल चुका है। सरकार बनाने के लिए 272 का आंकड़ा पार करना होता है जो 13 दले मिलकर भी हासिल नहीं कर पाई है। वहीं बीजेपी अपने दम पर 234 सीटें हासिल कर पाई है।

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वहीं एनडीए को मिलाकर ये आंकड़ा बहुमत से कहीं अधिक यानी 290 के आंकड़े के करीब हो जाता है। बीजेपी ने अकेले ही 234 सीटें जीती हैं जो कि 20 पार्टियों की कुल सीटों से ज्यादा हैं। 2024 के चुनाव में मोदी लहर की सेज पर सवार बीजेपी की गाड़ी ऐसी सरपट दौड़ी की देश की सबसे पुरानी पार्टी राजनीति का फिर से मोदी को हराने का दावा सपना बनकर रह गया। हालांकि कुछ क्षेत्रीय चेहरे ऐसे भी रहे जिन्होंने अपने राज्यों में मोदी लहर को थाम लिया। ममता बनर्जी, अखिलेश यादव और उद्धव ठाकरे ने अपने राज्यों में बीजेपी को मनमाफिक प्रदर्शन करने से रोक दिया। 

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सबका साथ सबका विश्वास वाला परिणाम
इसे भारत का एक अनोखा चुनाव भी कहा जा रहा है क्यों बीजेपी जश्न मना रही है क्योंकि वे सरकार बनाएंगे। कांग्रेस जश्न मना रही है क्योंकि वे 100 सीटें पार कर रहे हैं। सपा, राजद जश्न मना रहे हैं क्योंकि उन्हें अपना समर्थन वापस मिल गया है। एनसीपी-एसपी और एसएस-यूबीटी खुश हैं क्योंकि उन्होंने सब दिखा दिया कि वे बॉस हैं। टीएमसी खुश है क्योंकि उन्होंने अपनी पार्टी की सीटों को बढ़ा लिया। आम जनता भी खुश हैं क्योंकि उन्होंने जिस भी पार्टी का अनुसरण कर रहे हैं थे उन्हें मनमाफिक सफलता हासिल हुई। इससे पहले कभी भी कांग्रेस और बीजेपी दोनों को अपने मुख्यालय में एक साथ जीत का जश्न मनाते नहीं देखा गया। सबसे महत्वपूर्ण बात है कि चुनाव आयोग पर भी अब तक कोई भी ईवीएम में गड़बड़ी का आरोप नहीं लगा रहा है।

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