2024 के लोकसभा चुनावों से पहले अपने भाजपा विरोधी गठबंधन को औपचारिक रूप देने के लिए 26 विपक्षी दलों के बेंगलुरु में एकत्र होने के एक दिन बाद, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-मार्क्सवादी (सीपीआई-एम) नेता बृंदा करात ने बुधवार (19 जुलाई) को पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव में हिंसा के लिए तृणमूल कांग्रेस पर हमला किया। सीपीआई-एम और तृणमूल कांग्रेस दोनों 26-पार्टी विपक्षी गठबंधन का हिस्सा हैं, जिसने मंगलवार (18 जुलाई) को भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (INDIA) के रूप में अपना नाम अंतिम रूप दिया।
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वृंदा करात ने कहा कि विपक्ष की बैठक में हमने संविधान बचाने पर चर्चा की। पंचायत चुनाव के दौरान बंगाल में टीएमसी की तानाशाही देखने को मिली। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में संविधान और लोकतंत्र को बचाने के लिए (गठबंधन) का फैसला राज्य के पार्टी नेताओं से परामर्श के बाद किया जाएगा। मैं एक बात कहना चाहता हूं कि आप लोकतंत्र पर हमला करके उसे नहीं बचा सकते। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के महासचिव सीताराम येचुरी ने मंगलवार को 26 विपक्षी दलों के सर्वसम्मति से अपने गठबंधन का नाम इंडिया रखने के बाद कहा कि इसके पीछे का विचार देश को बहुआयामी हमलों से बचाने के उनके प्रयासों से उपजा है।
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र्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की पश्चिम बंगाल इकाई के सचिव मोहम्मद सलीम ने मंगलवार को कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा से मुकाबला करने के लिए विपक्षी दलों के एकजुट होने से बंगाल की राजनीति पर कोई असर नहीं पड़ेगा और राज्य में तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ लड़ाई और तेज की जाएगी। उन्होंने दावा किया कि तृणमूल कांग्रेस प्रमुख एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के पास बेंगलुरु में विपक्षी दलों की बैठक में शामिल होने के अलावा कोई विकल्प नहीं था, क्योंकि समाजवादी पार्टी और बीजू जनता दल जैसे दलों के साथ तीसरा मोर्चा बनाने के उनके पुराने प्रयास सफल नहीं हुए थे।