राजस्थान सरकार ने राजस्थान पुलिस सेवा (आरपीएस) की अधिकारी दिव्या मित्तल को एक दवा निर्माता से कथित रूप से 2 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगने के आरोप में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा गिरफ्तार किए जाने के कुछ दिनों बाद निलंबित कर दिया है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि गृह विभाग द्वारा निलंबन आदेश जारी किया गया है।
राजस्थान पुलिस सेवा की अधिकारी मित्तल अजमेर में राजस्थान पुलिस की विशेष शाखा (एसओजी) में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के पद पर तैनात थी।
मित्तल सोमवार को गिरफ्तार किए जाने के बाद से वर्तमान में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की हिरासत में हैं।
एसीबी ने शिकायत के सत्यापन के बाद 14 जनवरी को अधिकारी के खिलाफ मामला दर्ज किया था। अधिकारी की ओर से स्वापक औषधि और मन:प्रभावी पदार्थ कानून (एनडीपीएस) के तहत एसओजी में दर्ज एक मामले में शिकायतकर्ता से उसका नाम शामिल नहीं करने के लिए एक बर्खास्त पुलिसकर्मी के माध्यम से रिश्वत की मांग की गई थी।
इस बीच, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के प्रमुख और नागौर के सांसद हनुमान बेनीवाल ने सरकार को इस मामले की सीबीआई जांच कराने की चुनौती देते हुए कहा, अगर ऐसा हुआ तो आधा एसओजी सलाखों के पीछे होगा।
उन्होंने मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) के अधिकारियों और कुछ अन्य लोगों पर आरोप लगाते हुए कहा, यह सच है कि रिश्वत का एक हिस्सा उच्च पद तक जाता है।
यहां तक कि इस मामले में सीएमओ की भूमिका भी संदिग्ध है।
वह राज्य में रेत (बजरी) की कीमतों में गिरावट की मांग को लेकर आरएलपी के धरने में शामिल होने के लिए बाड़मेर के बालोतरा जाने के दौरान जोधपुर में संवाददाताओं से बात कर रहे थे।