नागपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने बृहस्पतिवार को कहा कि संगठन के स्वयंसेवकों के लिए प्राचीन काल से भगवान हनुमान और इतिहास काल से 17वीं शताब्दी के मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज आदर्श हैं।
भागवत ने कहा कि आरएसएस के संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार और इसके शीर्ष नेताओं एम एस गोलवलकर और बालासाहेब देवरस ने स्पष्ट रूप से कहा है कि कोई व्यक्ति नहीं, बल्कि भगवा ध्वज आरएसएस का आदर्श है, जिसका मुख्यालय नागपुर में स्थित है।
भागवत नागपुर के यशवंत स्टेडियम मैदान में स्वामी विवेकानंद की 160वीं जयंती पर बाल स्वयंसेवकों एवं अन्य लोगोंको संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा, ‘‘यह (भगवा झंडा) हमारे सिद्धांतों का प्रतीक है। हमारे आदर्श तत्व रूपी हैं और भगवा ध्वज उस तत्व का प्रतीक है।’’
भागवत ने कहा, ‘‘यदि आप किसी व्यक्ति को एक आदर्श के रूप में चाहते हैं, तो तीनों (आरएसएस प्रमुखों) ने कहा है कि प्राचीन काल से हमारे आदर्श रामभक्त भगवान हनुमान हैं और इतिहास काल से, हमारे आदर्श छत्रपति शिवाजी महाराज हैं।’’
आरएसएस प्रमुख ने कहा कि स्वयंसेवक व्यक्तिगत इच्छाओं की पूर्ति के लिए संघ की शाखाओं में नहीं आते, बल्कि वे देश की सेवा के लिए आते हैं। भागवत ने कहा कि बचपन के शुरुआती वर्षों में, स्वयंसेवक शाखाओं के कार्यक्रमों के प्रति आकर्षित होते हैं। लेकिन किशोरावस्था में ही उन्हें अहसास हो जाता है कि वे संघ में देश की सेवा करने आए हैं।
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आरएसएस नेता ने कहा कि देश की सेवा करने का विचार स्वयंसेवकों को बहुत सक्षम इंसान बनाता है।
उन्होंने आरएसएस के स्वयंसेवकों से भगवान हनुमान के मूल्यों और गुणों को मन में बिठाने को कहा।
भागवत ने भारत को विश्व गुरु बनाने की दिशा में काम करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “अगर हम इस बड़े उद्देश्य की दिशा में काम करें, तो आने वाली पीढ़ियां भारत को और अधिक ऊंचाइयों पर ले जाएंगी।