वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 पेश करने के साथ सोमवार को संसद का बजट सत्र शुरू होते ही विपक्ष ने नीट पेपर लीक मामले से लेकर रेलवे सुरक्षा जैसे कई प्रमुख मुद्दों पर एनडीए सरकार को घेरा। कार्यवाही शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मीडिया को संबोधित किया। वित्त मंत्री 23 जुलाई को 2024-25 के लिए केंद्रीय बजट पेश करने वाली हैं। एनडीए के लगातार तीसरी बार सत्ता में आने के बाद यह मोदी सरकार का पहला बजट है। अप्रैल-जून में आम चुनाव होने के बाद यह संसद का पहला मानसून सत्र है।
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सरकार ने सोमवार को संसद के दोनों सदनों में वित्त वर्ष 2023-24 की आर्थिक समीक्षा पेश की। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में प्रश्नकाल समाप्त होने के बाद अध्यक्ष ओम बिरला की अनुमति से आर्थिक समीक्षा की प्रति सदन के पटल पर रखी। आर्थिक समीक्षा (सर्वे) सरकार द्वारा केंद्रीय बजट से पहले प्रस्तुत किया जाने वाला वार्षिक दस्तावेज है जिसमें अर्थव्यवस्था की स्थिति की निष्पक्ष समीक्षा होती है। वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के विभाग के आर्थिक संभाग द्वारा आर्थिक समीक्षा तैयार की जाती है। इसे मुख्य आर्थिक सलाहकार की देखरेख में तैयार किया जाता है। देश में पहली बार आर्थिक समीक्षा 1950-1951 में पेश की गई थी जब यह बजट दस्तावेजों का ही हिस्सा होती थी।
– लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा ‘नीट’ में कथित अनियमितता के विषय को लेकर सोमवार को सदन में सरकार पर प्रहार किया और दावा किया कि देश के करोड़ों छात्रों एवं देशवासियों को ‘‘इस बात का यकीन हो गया है कि भारतीय परीक्षा प्रणाली एक ‘फ्रॉड’ (धोखे वाली) है तथा जिसके पास पैसा है वह इस पूरी प्रणाली को खरीद सकता है’’। इस पर शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पलटवार किया और सवाल किया कि क्या 2010 में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार ने शिक्षा में सुधार से जुड़ा विधेयक निजी मेडिकल कॉलेजों के दबाव में वापस ले लिया था? उन्होंने यह भी कहा कि नेता प्रतिपक्ष का पूरी परीक्षा प्रणाली को ‘बकवास’ कहना दुर्भाग्यपूर्ण है।
– समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा ‘नीट’ में कथित अनियमितता को लेकर सोमवार को लोकसभा में दावा किया कि धर्मेंद्र प्रधान के शिक्षा मंत्री रहते बच्चों को न्याय नहीं मिलेगा। इस पर प्रधान ने पलटवार किया और कहा कि वह इस सदन में उन पेपर लीक मामलों की पूरी सूची रख सकते हैं जो अखिलेश यादव के उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहते हुए थे।
– केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोमवार को लोकसभा में कहा कि मेडिकल प्रवेश परीक्षा ‘नीट’ से जुड़े मामले पर सरकार के पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है और उच्चतम न्यायालय के निर्देश के अनुसार अखिल भारतीय स्तर पर परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने सदन में प्रश्नकाल के दौरान पूरक प्रश्नों का उत्तर देते हुए विपक्ष के आरोपों के संदर्भ में यह भी कहा कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि पिछले सात वर्षों में 70 पेपर लीक हुए हैं।
– संसद के दोनों सदनों में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने का मुद्दा उठने के बीच सरकार ने 2012 में तैयार एक अंतर-मंत्रालयी समूह की रिपोर्ट का हवाला देते हुए सोमवार को कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने का कोई मामला नहीं बनता है। संसद के मानसून सत्र के पहले दिन लोकसभा में जहां एक प्रश्न के माध्यम से यह मुद्दा उठाया गया, वहीं राज्यसभा में राष्ट्रीय जनता दल के मनोज झा ने शून्यकाल में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा और विशेष पैकेज, दोनों देने की मांग उठायी।
– कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और समाजवादी पार्टी समेत विपक्षी दलों के सांसदों ने पेरिस ओलम्पिक को लेकर भारत की तैयारी के विषय पर लोकसभा में सोमवार को हुई चर्चा को गैरजरूरी बताते हुए सरकार से मांग की कि उसे अब 2028 के ओलम्पिक की तैयारियों पर अभी से बात करनी चाहिए और सुझाव लेने चाहिए। भाजपा के डॉ. संजय जायसवाल ने सदन में नियम 193 के तहत ‘आगामी ओलम्पिक के लिए भारत की तैयारी’ विषय पर चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा कि मौजूदा सरकार ने ‘खेलो इंडिया’ के लिए 1045 करोड़ रुपये दिये हैं, जो पिछली सरकार के खेल का संपूर्ण बजट भी नहीं हुआ करता था। उन्होंने कहा कि सरकार के प्रयासों का नतीजा ही है कि खेल जगत में भारतीय खिलाड़ी पहले की तुलना में बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं और ऐसी उम्मीद की जा रही है कि पहली बार ओलम्पिक में देश 10 से अधिक स्वर्ण पदक का आंकड़ा पार करेगा और भारतीय ओलम्पिक खिलाड़ी नया इतिहस बना सकेंगे।
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राज्यसभा की कार्यवाही सोमवार को अपराह्न करीब पौने तीन बजे पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गयी तथा मंगलवार को उच्च सदन की बैठक लोकसभा में आम बजट 2024-25 पेश करने की प्रक्रिया पूरी होने के एक घंटे बाद शुरू होगी। उच्च सदन के 265वें सत्र की पहली बैठक राष्ट्रगान की धुन बजाये जाने के साथ शुरू हुई। सदन में आज शून्यकाल के दौरान विभिन्न दलों के सदस्यों ने लोक महत्व के कई मुद्दे उठाये। इससे पहले सभापति ने सदन को सूचित किया कि उन्हें कुछ मुद्दों पर नियम 267 के तहत कई सदस्यों के कार्य स्थगन नोटिस मिले हैं किंतु उनके नियमों के अनुरूप नहीं होने के कारण उन्हें अस्वीकार किया जा रहा है। उच्च सदन में आज प्रश्नकाल भी सामान्य ढंग से चला जिसमें सदस्यों ने विभिन्न मंत्रालयों से संबंधित प्रश्न पूछे और संबंधित मंत्रियों ने उनके जवाब दिये।