शिरोमणि अकाली दल (शिअद) का एक प्रतिनिधिमंडल शनिवार को पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित से अपील की कि वह राज्य में भारी बारिश और बाढ़ से हुए नुकसान संबंधी आकलन केंद्र को भेजें ताकि केंद्रीय सहायता मिल सके।
प्रतिनिधिमंडल ने बाढ़ से निपटने में ‘असफल’ रहने को लेकर ‘आम आदमी पार्टी’ (आप) सरकार पर निशाना साधा और राज्यपाल से ‘मानव कृत’ आपदा की न्यायिक जांच के आदेश देने का अनुरोध किया। इस प्रतिनिधिमंडल में प्रेम सिंह चंदूमाजरा, बिक्रम सिंह मजीठिया, सुरजीत सिंह रखड़ा, दलजीत सिंह चीमा और सुखविंदर कुमार शामिल थे।
पार्टी ने कहा कि राज्यपाल को ज्ञापन देते हुए शिअद प्रतिनिधिमंडल ने विस्तार से बताया कि राज्य सरकार द्वारा अपने कर्तव्यों में असफल रहने की वजह से लाखों पंजाबियों को जो ‘अकल्पनीय पीड़ा’ सहनी पड़ी, उसकी जांच पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के कार्यरत न्यायाधीश से कराने की जरूरत क्यों है।
प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से अपील की कि वह बाढ़ से हुए नुकसान संबंधी आकलन केंद्र को भेजें ताकि और राहत प्राप्त किया जा सके। शिअद ने रेखांकित किया कि पंजाब सरकार केंद्रीय टीम द्वारा नुकसान का आकलन कराने में भी असफल रही जो केंद्रीय सहायता के लिए आवश्यक है।
शिअद प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से आह्वान किया कि वह सरकार को नुकसान और राहत वितरण संबंधी रिपोर्ट देने का निर्देश दे जिसमें यह भी जानकारी मांगी जाए कि केंद्र से प्राप्त 218 करोड़ रुपये की राशि कहां खर्च की गई।
शिअद ने राज्यपाल को सूचित किया कि ‘गिरदावरी’ (नुकसान का आकलन) अबतक नहीं किया गया है, साथ ही मांग की कि जिन किसानों की धान की फसल खराब हुई है, उन्हें 2500 रुपये प्रति एकड़ की दर से अंतरिम राहत दी जाए और बाढ़ की वजह से जिन लोगों के मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं उन्हें पांच लाख रुपये की मदद दी जानी चाहिए।
पार्टी ने राज्यपाल से शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी में कर्मचारी संघ बनाने पर रोक लगाने, हरियाणा को विधानसभा भवन बनाने के लिए भूमि हस्तांतरण प रोक लगाने, चंडीगढ़ के बाहर के वाहनों पर पार्किंग शुल्क दोगुना करने के फैसले को वापस लेने सहित अन्य मांगे भी की।