आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के तत्कालीन प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष को सीबीआई ने गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया गया। जहां संदीप घोष को 8 दिन की हिरासत में भेज दिया गया और 3 अन्य आरोपियों को भी सीबीआई हिरासत में भेजा गया है। अब 10 सितंबर को अगली पेशी होगी।
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आरजी कर अस्पताल की एक प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ कथित बलात्कार और हत्या के मामले में घोष से सीबीआई के साल्ट लेक कार्यालय में 15वें दिन भी पूछताछ की गई। बाद में, उन्हें यहां सीबीआई के निजाम पैलेस कार्यालय ले जाया गया, जहां एजेंसी की भ्रष्टाचार रोधी शाखा का दफ्तर है। वहां उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल डॉ. सीवी आनंद बोस ने घोष की गिरफ्तारी को अंत की शुरुआत बताया। बोस ने पीटीआई-से कहा, ‘‘यह अंत की शुरुआत है।’’ हालांकि उन्होंने इस बारे में विस्तार से नहीं बताया। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने 23 अगस्त को अस्पताल में कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच का जिम्मा राज्य द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) से सीबीआई को स्थानांतरित करने का आदेश दिया था।
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केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल, संदीप घोष और तीन अन्य को कथित वित्तीय अनियमितताओं के सिलसिले में गिरफ्तार करने के कुछ घंटों बाद, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के आईटी सेल प्रमुख, अमित मालवीय ने आरोप लगाया कि इस मामले में गिरफ्तार लोगों से तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेताओं की नजदीकियां हैं। अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर एक तस्वीर साझा करते हुए, मालवीय ने कहा कि सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए गए अस्पताल विक्रेता बिप्लव सिंघा और सुमन हजारा को पहले टीएमसी विधायक और हावड़ा जिला प्रमुख कल्याण घोष के साथ देखा गया था। उन्होंने यह भी कहा कि मामले में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पॉलीग्राफ टेस्ट कराना चाहिए।