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दिल्ली विधानसभा चुनाव से कुछ समय पहले अब बीजेपी ने संदीप कुमार वाल्मीकि को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। इसके पहले आम आदमी पार्टी ने उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था। बीजेपी ने उन पर तथ्य छिपाने के आरोप लगाया है। संदीप का विवादों से पुराना रिश्ता रहा है। हरियाणा से ताल्लुक रखने वाले संदीप आम आदमी पार्टी का हिस्सा बने। सीडी कांड के बाद AAP से निकाले गए संदीप वाल्मीकि ने खुद की पार्टी बनाई और फिर बीजेपी में शामिल हो गए। बीजेपी ज्वॉइन करने के 6 घंटों में ही संदीप को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
संदीप कुमार जिले सिंह के बेटे हैं। वे दिल्ली के सुल्तानपुर इलाके में रहते हैं। उन्होंने 2001 में दिल्ली के सीबीएसई बोर्ड से 12वीं की पढ़ाई पूरी की। उन्होंने 2004 में दिल्ली विश्वविद्यालय के दयाल सिंह कॉलेज से कला स्नातक (बीए) की डिग्री हासिल की। उन्होंने 2009 में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ से एलएलबी की डिग्री हासिल की। उनकी शादी रितु वर्मा से हुई है, जो एक गृहिणी हैं।
सुल्तानपुर से जीत चुके हैं चुनाव
सोनीपत से ताल्लुक रखने वाले संदीप कुमार 2015 में सियासी गलियारों का जाना-माना चेहरा बन गए, जब उन्होंने विधानसभा चुनाव में 5 बार के कांग्रेस विधायक जय किशन को मात दे दी। सीएम केजरीवाल ने उन्हें दिल्ली सरकार में मंत्री बना दिया। संदीप कुमार को दिल्ली का महिला और बाल विकास मंत्री बनाया गया था।
रोज पत्नी के पैर छूने का किया था दावा
आम आदमी पार्टी के पूर्व विधायक संदीप कुमार ने 2004 में दिल्ली विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन किया। 2009 में मेरठ की चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से उन्होंने कानून में डिग्री हासिल की। संदीप कुमार सरकारी स्कूल पर अपनी पत्नी का नाम लिखवाने को लेकर भी चर्चा में आए थे, इसे लेकर सीएम केजरीवाल ने उनकी खिंचाई की थी। 8 मार्च 2015 को संदीप कुमार का एक बयान वायरल हो गया। इंटरनेशनल वूमन डे पर उन्होंने कहा वो दिल्ली के दयाल सिंह कॉलेज में अपनी पत्नी रितु से पहली बार मिले थे। 8 साल पहले दोनों ने शादी रचाई और तब से लेकर आज तक वो हर दिन अपनी पत्नी के पैर छूते हैं।
वायरल हो चुका है सीडी कांड
सरकार में मंत्री रहते हुए संदीप कुमार वाल्मीकि का सीडी कांड वायरल हो गया। दरअसल संदीप से जुड़ा एक सेक्स टेप सामने आया था। जिसमें आपत्तीजनक चीजें मौजूद थीं। 2016 में राशन कार्ड बनाने को लेकर एक महिला ने भी संदीप पर गंभीर आरोप लगाए थे। इस सीडी कांड के बाद AAP ने ना सिर्फ संदीप को मंत्री पद से हटा दिया बल्कि उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। सीडी कांड पर सफाई पेश करते हुए संदीप कुमार ने कहा कि दलित समुदाय से हैं। ऐसे में उन्हें बदनाम करने के लिए ये साजिश रची गई है।
नई पार्टी की रखी नींव
जून 2021 में संदीप कुमार ने अपनी खुद की पार्टी बनाई। इस पार्टी का नाम कीर्ति किसान शेर-ए-पंजाब रखा गया। संदीप की पार्टी को कुछ खास पहचान नहीं मिली। बीते दिन उन्होंने बीजेपी का दामन थामा। उन्होंने मुख्यमंत्री नायाब सिंह सैनी की मौजूदगी में बीजेपी जॉइन की। इस बात को छह घंटे भी नहीं बीते थे कि बीजेपी की हरियाणा विंग ने उन्हें निष्कासित करने का फरमान सुना दिया।
राजनीतिक सफर
एक वकील के रूप में कुमार ने बिना किसी फीस के आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़े लोगों के लिए केस लड़े। उनकी पहली मुलाकात अरविंद केजरीवाल से हुई। जिन्होंने बाद में इंडिया अगेंस्ट करप्शन आंदोलन के दौरान 2012 में AAP की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कुमार ने 2013 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में सुल्तानपुर माजरा विधानसभा क्षेत्र से AAP सदस्य के रूप में चुनाव लड़ा था। उन्होंने 30,346 वोट हासिल किए और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के मौजूदा विधायक जय किशन से 1,112 वोटों के अंतर से दूसरे स्थान पर रहे।
2014 के भारतीय आम चुनाव में दिल्ली में आप की हार के बाद जहां दिल्ली की सभी सात सीटें भाजपा ने जीती थीं। कुमार और अन्य स्वयंसेवकों को जमीनी स्तर पर पुनरुद्धार का श्रेय दिया गया था। उन्होंने उत्तर पश्चिमी दिल्ली में मतदाता आधार बढ़ाने के लिए कई कॉर्नर मीटिंग की और डोर-टू-डोर मतदाता संपर्क अभियान चलाया। केजरीवाल के मंत्रिमंडल में एससी/एसटी कल्याण और महिला एवं बाल कल्याण मंत्री के रूप में उनकी पदोन्नति को पार्टी के लिए उनके प्रयासों की मान्यता के रूप में माना गया। मंत्रालय पहले राखी बिड़ला के पास था , जिन्होंने पिछली केजरीवाल कैबिनेट में विवाद खड़ा किया था। उन्हें सामाजिक कल्याण और भाषा मंत्रालयों का भी प्रभारी बनाया गया था। 42 वर्ष की औसत आयु के साथ कैबिनेट को देश में “सबसे युवा” बताया गया था