कांग्रेस ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए महा विकास अघाड़ी सहयोगी शिवसेना (यूबीटी) के साथ सीट साझा करने की बातचीत के बीच पार्टी नेतृत्व के खिलाफ की गई टिप्पणी को लेकर मुंबई इकाई के पूर्व प्रमुख संजय निरुपम के खिलाफ बुधवार को अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की। महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने कहा कि पार्टी ने पूर्व सांसद को स्टार प्रचारकों की सूची से हटा दिया है। पटोले के हवाले से कहा गया कि पार्टी ने स्टार प्रचारकों की सूची से निरुपम का नाम हटा दिया है और पार्टी और राज्य इकाई नेतृत्व के खिलाफ उनके बयानों के लिए उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की गई है। एक या दो दिन में निर्णय लिया जाएगा। संजय निरुपम ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा है कि कांग्रेस पार्टी मेरे लिए ज़्यादा ऊर्जा और स्टेशनरी नष्ट ना करे। बल्कि अपनी बची-ख़ुची ऊर्जा और स्टेशनरी का इस्तेमाल करे,पार्टी को बचाने के लिए करे। वैसे भी पार्टी भीषण आर्थिक संकट के दौर से गुजर रही है।
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निरुपम ने मुंबई की छह लोकसभा सीटों में से चार पर उम्मीदवारों की घोषणा के बाद राज्य कांग्रेस नेतृत्व पर जमकर हमला बोला था, जिसमें मुंबई उत्तर पश्चिम सीट भी शामिल थी, जिस पर उनकी नजर है। निरुपम ने कहा था कि कांग्रेस नेतृत्व को खुद को शिवसेना (यूबीटी) के हाथों झुकने की इजाजत नहीं देनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि मुंबई में एकतरफा उम्मीदवार उतारने के शिवसेना (यूबीटी) के फैसले को स्वीकार करना कांग्रेस के विनाश को अनुमति देने के समान है।
1 सीट जीतने की स्थिति नहीं
पूर्व सांसद ने कहा था कि शिवसेना (यूबीटी) ने मुंबई की छह में से पांच सीटें लेने के लिए कांग्रेस की बांह मरोड़ी। लेकिन कांग्रेस को खुद को इस तरह से शर्मिंदा नहीं होने देना चाहिए। यह कार्रवाई कांग्रेस के खिलाफ है और यह शहर में पार्टी को खत्म करने की एक चाल है। संजय निरुपम ने कहा कि कांग्रेस पार्टी की सहयोगी पार्टी उनकी पार्टी के समर्थन के बिना महाराष्ट्र में एक भी सीट जीतने की स्थिति में नहीं है। निरूपम ने शिवसेना के साथ अपना राजनीतिक करियर शुरू किया था।
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उद्धव गुट ने उम्मीदवारों की घोषणा से बढ़ा विवाद
महाराष्ट्र में 21 सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा करने के शिवसेना (यूबीटी) के कदम से महा विकास अघाड़ी के अन्य दो सहयोगियों – कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के बीच बेचैनी पैदा हो गई है – क्योंकि तीनों दलों ने अभी तक सीटों को अंतिम रूप नहीं दिया है। लोकसभा चुनाव के लिए साझा समझौता, जो 19 अप्रैल से महाराष्ट्र में पांच चरणों में होगा।