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Maharshi Valmiki Sanskrit University में संस्कृत शिक्षकों का हुआ सम्मेलन

महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय कैथल हरियाणा में संस्कृत शिक्षक सम्मेलन का आयोजन किया गया। दीप प्रज्वालन से कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ। जिसमें हरियाणा के विद्यालयों में अध्यापन कर रहे अनेक संस्कृत शिक्षकों ने भाग लिया। मुख्यातिथि के रूप में प्राचार्य पद से सेवानिवृत्त संस्कृत शिक्षक श्री रमेश कुमार शर्मा उपस्थित हुए। उन्होंने कहा संस्कृत शिक्षकों के कन्धों पर संस्कृत संरक्षण का अधिक भार है।
कुलपति प्रो. रमेश भारद्वाज ने संस्कृत शिक्षकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय आप सभी के अथक प्रयासों से उन्नति करता आ रहा है क्योंकि आपके द्वारा पढ़ाए हुए बच्चे ही विश्वविद्यालय में प्रवेश लेते हैं। समाज में भी आप संस्कृत विश्वविद्यालय में पढ़ने हेतु सभी को प्रेरित करते हैं। सभी शिक्षकों को अपने विश्वविद्यालय में देखकर कुलपति अतीव हर्षित हुए उन्होंने कहा संस्कृत क्षेत्र में आ रही समस्याएं हम सभी पूरे परिवार की समस्याएं हैं। हमें मिलकर उन समस्याओं का समाधान ढूंढने की आवश्यकता है।
 

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शिक्षकों ने एन एस क्यू जैसी समस्या के विषय में अपने विचार रखे इसके प्रत्युत्तर में संस्कृत संरक्षण मंच के अध्यक्ष ईश्वरदत्त भारद्वाज ने अपने वक्तव्य में कहा कि संस्कृत क्षेत्र में बच्चों में संस्कृत विषय में रुचि उत्पन्न करना हमारा प्रथम कर्तव्य है। गीता मनीषी हरिदेव शास्त्री ने कहा कि संस्कृत को विद्यालय स्तर पर सरल और प्रायोगिक माध्यम से पढ़ाकर बच्चों में रुचि उत्पन्न की जा सकती है। इस सम्मेलन में रमनपुरी जी महाराज जी ने भी अतिथि के रूप में शिरकत की। सम्मेलन में जय भगवान शास्त्री, सुनील आत्रेय, सुरेश शास्त्री, कृष्ण चन्द्र शास्त्री,  डॉ राजेश,  डॉ बबीता, सुनीता, डॉ ज्योति लता आदि लगभग 50 शिक्षकों ने भाग लिया। कार्यक्रम के अन्त में सभी संस्कृत शिक्षकों ने सफल संस्कृत शिक्षक सम्मेलन के आयोजन हेतु कुलपति जी का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में मंच संचालन डॉ नवीन शर्मा ने किया। इस कार्यक्रम के संयोजक डॉ देवेन्द्र और आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ सुरेन्द्र पाल रहे। विश्वविद्यालय के आचार्य डॉ जगत नारायण, डॉ रामानन्द, डॉ मिश्र, कृष्ण चन्द्र पाण्डेय, डॉ शीतांशु त्रिपाठी, डा. सत्येन्द्र मौके पर उपस्थित रहे।
 

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धर्मशास्त्र विभाग की निकिता ने संस्कृत निबन्ध लेखन में झटका प्रथम पुरस्कार
महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय के द्वारा 02 सितम्बर को हुई संस्कृत निबन्ध लेखन प्रतियोगिता के परिणामों की घोषणा भी की गई जिसमें पूरे विश्वविद्यालय में धर्मशास्त्र विभाग की शास्त्री तृतीय वर्ष की छात्रा निकिता ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। वेद विभाग में शालिनी प्रथम, दीक्षा द्वितीय, अंजली तृतीय स्थान प्राप्त किया। ज्योतिष विभाग में अभिषेक प्रथम, अंकेश द्वितीय, रविन्द्र तृतीय तथा व्याकरण विभाग से भारती प्रथम, रामदास द्वितीय, मंजू तृतीय। साहित्य विभाग से शीतल प्रथम, परमजीत द्वितीय, मनीषा तृतीय। धर्मशास्त्र विभाग से निकिता प्रथम, निशा द्वितीय, कोमल तृतीय स्थान प्राप्त की।
दर्शन विभाग में सोनू देवी प्रथम, मनीषा द्वितीय, आसीन खान तृतीय स्थान प्राप्त किया। योग में पूनम प्रथम, पूनम कुमारी द्वितीय, गायत्री तृतीय स्थान प्राप्त की। हिन्दू अध्ययन विभाग में रजनी प्रथम, रामराजी द्वितीय, प्रवेश कुमार तृतीय स्थान प्राप्त किया। सभी विभागों में प्रथम,  द्वितीय,  तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को 1100, 700 व 500 रू सम्मानित धनराशि व प्रमाण पत्र दिया गया। सर्वश्रेष्ठ संस्कृत निबन्ध लेखन में निकिता ने 2100 रू व स्मृति चिन्ह प्राप्त किया।

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