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Narendra Modi के नेतृत्व वाली सरकार में Sarbananda Sonowal ने पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय का कार्यभार संभाला

भारतीय जनता पार्टी की पूर्वोत्तर भारत की इकाई के दिग्गज नेता सर्बानंद सोनोवाल ने नई एनडीए की सरकार में केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय का कार्यभार संभाल लिया है। 2024 के चुनाव में सोनोवाल असम की डिब्रूगढ़ सीट से संसद भवन में पहुंचे हैं। इससे पहले मोदी सरकार के दो कार्यकाल में अभी वे नियमित समयांतराल पर कई मंत्रालय की जिम्मेदारी भी निभा चुके हैं। सोनोवाल 2016 से 2021 तक असम के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। 59 वर्षीय सर्वानंद का जन्म 31 अक्टूबर 1961 को डिब्रूगढ़ जिले के एक छोटे से गांव मोलोक में हुआ था। वह 8 भाई बहनों में सबसे छोटे हैं। 
उनके पिता जिबेश्वर सोनोवाल पंचायत में सचिव थे। कक्षा 6 तक की शुरुआती पढ़ाई गांव में होने के बाद वे आगे की पढ़ाई के लिए डिब्रूगढ़ चले गए। महज 15 साल की उम्र में पिता के देहांत के बाद उनके सबसे बड़े भाई मिस्टर प्रसाद ने उनकी पढ़ाई जारी रखी। सर्बानंद का राजनीतिक जीवन यूनिवर्सिटी छात्र के तौर पर शुरू हुआ था। वे असम गण परिषद की स्टूडेंट विंग ऑल असम स्टूडेंट यूनियन और पूर्वोत्तर के राज्यों में असर रखने वाले नॉर्थ ईस्ट स्टुडेंट्स यूनियन के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। यही वजह है कि राजनीति में उनकी अच्‍छी पकड़ है। भारतीय जनता पार्टी का हाथ थामने से पहले सर्बानंद असम गण परिषद से जुड़े हुए थे। 
असम गण परिषद के सदस्‍य के तौर पर वो पहली बार वर्ष 2001 में विधानसभा के सदस्‍य भी बने थे। इसके बाद वर्ष 2004 में वो इसी पार्टी से लोकसभा का चुनाव भी जीते थे। उन्‍हें असम के जातीय नायक के सम्‍मान से भी नवाजा जा चुका है। वर्ष 2011 में उन्‍होंने भाजपा का हाथ थामा था। इसके बाद उन्‍हें पार्टी की कार्यकारिणी का सदस्‍य बनाया गया। सर्बानंद असम में पार्टी के प्रवक्‍ता का पद भी संभाल चुके हैं। वर्ष 2012 और 2014 में सर्बानंद असम में भाजपा के अध्‍यक्ष भी रह चुके हैं। राज्‍य में वर्ष 2016 के चुनाव की जिम्‍मेदारी भाजपा ने सर्बानंद के ही कंघों पर ही डाली थी। 
भाजपा ने उनकी काबलियत पर भरोसा करते हुए ही उन्‍हें राज्य चुनाव प्रबंधन कमेटी का अध्यक्ष भी बनाया था। उन्‍होंने इस जिम्‍मेदारी का निर्वाहन पूरी जिम्‍मेदारी के साथ किया था। इस चुनाव में भाजपा को 126 विधानसभा सीटों में से 86 पर जबरदस्‍त जीत हासिल हुई थी। इस जीत के साथ ही भाजपा ने यहां पर इतिहास रच दिया था। भाजपा को इस चुनाव में पूर्ण बहुमत हासिल हुआ था और इसके बाद राज्‍य की कमान सर्बानंद को सौंपी गई थी। सर्बानंद राज्‍य में अवैध रूप से रह रहे बांग्‍लादेशियों के प्रति सख्‍त रुख रखते हैं। ये पहला मौका नहीं है जब वो केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल हो रहे हैं। इससे पहले वो पीएम मोदी के पहले कार्यकाल में खेल एवं युवा मामलों के राज्‍यमंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) के तौर पर काम कर चुके हैं। उनका ये कार्यकाल 26 मई 2014 से 23 मई 2016 तक रहा था।

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