Breaking News

Vanakkam Poorvottar: Manipur के बिगड़ते हालात को देखकर केंद्र ने उठाया बड़ा कदम, 6 पुलिस स्टेशनों में लौटा AFSPA, 2000 और जवानों की तैनाती

केंद्र ने मणिपुर के हिंसा प्रभावित जिरीबाम सहित छह पुलिस थाना क्षेत्रों में सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम (अफस्पा) को पुनः लागू कर दिया है, जिसके तहत सुरक्षा बलों की सहूलियत के लिए किसी क्षेत्र को “अशांत” घोषित किया जाता है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा है कि यह निर्णय वहां जारी जातीय हिंसा के कारण लगातार अस्थिर स्थिति को देखते हुए लिया गया है। जिन पुलिस थाना क्षेत्रों में अफस्पा को फिर से लागू किया गया है, वे हैं इंफाल पश्चिम जिले में सेकमाई और लमसांग, इंफाल पूर्वी जिले में लमलाई, जिरीबाम जिले में जिरीबाम, कांगपोकपी में लीमाखोंग और बिष्णुपुर में मोइरांग।
यह ताजा आदेश मणिपुर सरकार द्वारा एक अक्टूबर को इन छह पुलिस थानों समेत 19 थाना क्षेत्रों को छोड़कर पूरे राज्य में अफस्पा लागू करने के बाद आया है। हम आपको बता दें कि मणिपुर सरकार के एक अक्टूबर के अफस्पा लगाने के आदेश से बाहर रहे पुलिस थानों में इंफाल, लाम्फाल, सिटी, सिंगजामेई, सेकमाई, लैमसांग, पाटसोई, वांगोई, पोरोम्पैट, हेइनगांग, लामलाई, इरिलबंग, लीमाखोंग, थौबल, बिष्णुपुर, नामबोल, मोइरंग, काकचिंग और जिरीबाम शामिल थे।

इसे भी पढ़ें: Manipur Fresh Violence | केंद्र सरकार ने मणिपुर में ताजा हिंसा के बीच 20 अतिरिक्त CAPF कंपनियों को तैनात किया

मणिपुर के जिरीबाम जिले में सोमवार को छद्म वर्दीधारी और अत्याधुनिक हथियारों से लैस उग्रवादियों द्वारा एक पुलिस थाने और निकटवर्ती सीआरपीएफ शिविर पर अंधाधुंध गोलीबारी की गयी। इसके बाद सुरक्षा बलों के साथ भीषण मुठभेड़ में ग्यारह संदिग्ध उग्रवादी मारे गए। एक दिन बाद, उसी जिले से सशस्त्र आतंकवादियों ने महिलाओं और बच्चों सहित छह नागरिकों का अपहरण कर लिया। हम आपको बता दें कि पिछले वर्ष मई से इंफाल घाटी स्थित मेइती और समीपवर्ती पहाड़ियों पर स्थित कुकी-जो समूहों के बीच जातीय हिंसा में 200 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं। जातीय रूप से विविधतापूर्ण जिरीबाम, जो इंफाल घाटी और आसपास की पहाड़ियों में हुए संघर्षों से काफी हद तक अछूता रहा है, इस साल जून में एक खेत में एक किसान का क्षत-विक्षत शव मिलने के बाद हिंसा का गवाह बना।
हम आपको यह भी बता दें कि केंद्र सरकार ने मणिपुर में नये सिरे से हमलों की घटनाओं और कानून व्यवस्था संबंधी मुद्दों के मद्देनजर केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) की 20 अतिरिक्त कंपनियों को भेजा है जिनमें करीब 2,000 जवान हैं। गृह मंत्रालय ने इन जवानों को तत्काल हवाई मार्ग से भेजने और तैनात करने का आदेश जारी किया। सीएपीएफ की जिन 20 कंपनियों को मणिपुर में तैनाती का आदेश दिया गया है, उनमें 15 सीआरपीएफ की और पांच सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की हैं।
हम आपको यह भी बता दें कि मणिपुर के जिरीबाम जिले में उग्रवादियों द्वारा तीन महिलाओं और उनके बच्चों का कथित अपहरण किये जाने के खिलाफ 13 नागरिक अधिकार संगठनों द्वारा इंफाल घाटी में बुलाये गए पूर्ण बंद का बुधवार को आम जनजीवन पर व्यापक असर देखने को मिला। अधिकारियों ने बताया कि नगारिक अधिकार संगठनों के आह्वान पर मंगलवार शाम छह बजे शुरू हुए बंद के कारण इंफाल घाटी के पांच जिलों इंफाल पूर्व, इंफाल पश्चिम, थौबल, काकचिंग और बिष्णुपुर में व्यापारिक प्रतिष्ठान और शैक्षणिक संस्थान बंद रहे। उन्होंने बताया कि निजी और अंतर-जिला सार्वजनिक परिवहन भी सड़कों से नदारद रहे तथा सरकारी कार्यालयों में उपस्थिति नगण्य रही। बंद का आह्वान करने वाले 13 नागरिक समाज संगठनों में ऑल क्लब्स ऑर्गेनाइजेशन एसोसिएशन और मीरा पैबी लूप (एसीओएएम लूप), इंडिजिनस पीपुल्स एसोसिएशन ऑफ कंगलेइपाक (आईपीएके) और कंगलेइपाक स्टूडेंट्स एसोसिएशन (केएसए) शामिल हैं।
अधिकारियों ने बताया कि बंद के दौरान इंफाल घाटी में कोई अप्रिय घटना नहीं घटी है। हालांकि, जिरीबाम के निकट नगा बहुल तामेंगलोंग जिले के ओल्ड कैफुंदई के निकट सशस्त्र उग्रवादियों ने सामान ले जा रहे दो ट्रकों में आग लगा दी। एक अधिकारी ने बताया कि पहाड़ी इलाकों से अपनी गतिविधियों को अंजाम दे रहे उग्रवादियों ने राष्ट्रीय राजमार्ग 37 पर कई बार हवा में गोलियां चलाकर ट्रकों को रोक लिया और फिर उनमें आग लगा दी। मणिपुर के रोंगमेई नगा छात्र संगठन ने इस घटना की कड़ी निंदा की और आरोप लगाया कि इसके पीछे कुकी उग्रवादियों का हाथ है। छात्र संगठन ने एक बयान में दावा किया कि ट्रक नोने और तामेंगलोंग जिले के लिए चावल, प्याज और आलू ले जा रहे थे।
इस बीच, भाजपा की मणिपुर इकाई की अध्यक्ष शारदा देवी ने जिरीबाम जिले में उग्रवादियों द्वारा कथित रूप से अगवा की गई तीन महिलाओं और तीन बच्चों की तत्काल रिहाई की मांग की है। शारदा देवी ने जिरिबाम के बोरोबेक्रा और जकुराधोर से एक परिवार के छह सदस्यों के कथित अपहरण को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और मानवीय आधार पर उनकी रिहाई की मांग की। शारदा देवी ने इंफाल में भाजपा कार्यालय में संवाददाताओं से कहा, “हम, एक ही परिवार के अपहृत छह सदस्यों की मानवीय आधार पर बिना किसी नुकसान के तत्काल रिहाई की मांग करते हैं। हम भाजपा की ओर से उनसे (सशस्त्र उग्रवादियों से) रिहाई की अपील करते हैं।” उन्होंने कहा, “हम आम लोगों पर हथियारबंद उग्रवादियों द्वारा की गई हिंसा की कड़ी निंदा करते हैं। हाल ही में एक बार फिर हुई हिंसा से हम आहत हैं। एक परिवार के छह सदस्यों का अपहरण दुर्भाग्यपूर्ण है। हमने असम में राज्यपाल (लक्ष्मण प्रसाद आचार्य) से मुलाकात की, जिन्होंने हमारे सामने अधिकारियों को हिंसा के लिए जिम्मेदार उग्रवादियों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।” 

Loading

Back
Messenger