अश्विनी वैष्णव ने गुजरात के धोलेरा विशेष औद्योगिक क्षेत्र में टाटा समूह और ताइवान के पीएसएमसी द्वारा भारत के पहले सेमीकंडक्टर फैब प्लांट को कैबिनेट की मंजूरी की घोषणा की। केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा प्रस्तावों को मंजूरी दिए जाने के बाद दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि सभी तीन इकाइयों का निर्माण अगले 100 दिनों के भीतर शुरू हो जाएगा। टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड साझेदारी में सेमीकंडक्टर फैब स्थापित करेगी। टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड पावरचिप सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कॉर्प (पीएसएमसी), ताइवान के साथ साझेदारी में एक सेमीकंडक्टर फैब स्थापित करेगी। इस यूनिट का निर्माण गुजरात के धोलेरा में किया जाएगा। यह प्लांट 91,000 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित करेगा।
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कहां बनेगी कितनी चिप
टाटा सेमीकंडक्टर असेंबली एंड टेस्ट प्राइवेट लिमिटेड 27,000 करोड़ रुपये के निवेश से असम के मोरीगांव में एक सेमीकंडक्टर इकाई स्थापित करेगी। वैष्णव ने यह भी बताया कि सीजी पावर – रेनेसा इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन, जापान और स्टार्स माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स, थाईलैंड के साथ साझेदारी में गुजरात के साणंद में एक सेमीकंडक्टर इकाई स्थापित करेगी। साणंद इकाई में 7,600 करोड़ रुपये का निवेश होने का अनुमान है। टाटा द्वारा गुजरात के धोलेरा में जो प्लांट लगाया जाएगा वहां 50 हजार वेफर हर महीने बनेंगे। एक वेफर में 5 हजार चिप होते हैं। यानी हर महीने 25 करोड़ सेमीकंडक्टर चिप बनेंगे। असम वाले प्लांट में हर दिन 4.80 करोड़ चिप बनाने की क्षमता होगी। गुजरात के साणंद में जो प्लांट बनेगा वहां हर दिन 1.5 करोड़ चिप बनाई जा सकेगी।
1962 से किए जा रहे थे प्रयास
वैष्णव ने कहा कि सेमीकंडक्टर फैब स्थापित करने का पहला प्रयास 1962 में किया गया, फिर 1980, 1984, 2005, 2007 और 2011 में किया गया। सफलता तभी मिलती है जब नियत और नीति दोनों स्पष्ट हों। आज, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के तहत भारत का पहला वाणिज्यिक सेमीकंडक्टर फैब स्थापित करना संभव हो गया है। उन्होंने कहा कि शिलान्यास बहुत जल्द किया जाएगा, जैसा कि हमने गुजरात के साणंद में माइक्रोन की सुविधा के मामले में देखा, जहां निर्माण केवल 90 दिनों के भीतर शुरू किया गया था।
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पूरी दुनिया को नचाने वाली इस चिप में क्या है?
सेमीकंडक्टर चिप को इलेक्ट्रॉनिक प्रॉडक्ट्स का दिल माना जाता है। स्मार्टफोन्स से लेकर कार, डेटा सेंटर्स, कम्प्यूटर्स, लैपटॉप, टैबलेट, स्मार्ट डेवाइसेज, वीकल्स, हाउसहोल्ड अप्लायंसेज, लाइफ सेविंग फार्मास्यूटिकल डिवाइसेज, एग्रीटेक, एटीएम और कई तरह के उत्पादों में इसका व्यापक इस्तेमाल होता है। चिप आर्टिफिशल इंटेलीजेंस, क्वांटम कम्प्यूटिंग, एडवांस्ड वायरलेस नेटवर्क्स, ब्लॉकचेन एप्लिकेशंस, 5जी, आईओटी, ड्रोन, रोबोटिक्स, गेमिंग और वियरेबल जैसी एमजिंग टेक्नोलॉजीज का अहम हिस्सा हैं। यानी सेमीकंडक्टर चिप मॉडर्न कम्प्यूटेशन के बिल्डिंग ब्लॉक्स हैं। लेकिन चिप बनाने की प्रक्रिया बहुत जटिल है और यह कारोबार कई देशों तक फैला है।