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वानखेड़े के खिलाफ अनियमितताओं के गंभीर आरोप, इसलिए जांच बैठाई गई, HC को NCB ने बताया

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने बॉम्बे हाई कोर्ट को बताया है कि उसके पूर्व जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े के खिलाफ अनियमितताओं के गंभीर और संगीन आरोप थे और इसलिए उनके खिलाफ प्रारंभिक जांच शुरू की गई थी। अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत से संबंधित ड्रग्स मामले में अनियमितताओं पर एनसीबी की प्रारंभिक जांच पर उन्हें जारी किए गए नोटिस को चुनौती देने वाली वानखेड़े की याचिका के जवाब में एजेंसी ने पिछले हफ्ते अपना हलफनामा दायर किया। एनसीबी के उप महानिदेशक संजय सिंह द्वारा दायर हलफनामे में वानखेड़े की याचिका को खारिज करने की मांग की गई है, जिसमें दावा किया गया है कि वह “फोरम हंटिंग” कर रहे थे और उनके खिलाफ शुरू की गई जांच में “देरी और देरी” कर रहे थे।

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1 अप्रैल को जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस मंजूषा देशपांडे की खंडपीठ ने एनसीबी के इस आश्वासन को स्वीकार कर लिया था कि वानखेड़े की याचिका पर सुनवाई होने तक उन्हें कोई और नोटिस जारी नहीं किया जाएगा। अदालत ने तब एजेंसी को वानखेड़े की याचिका पर अपना हलफनामा दाखिल करने का भी निर्देश दिया था। एनसीबी ने अपने हलफनामे में कहा कि वानखेड़े ने एक ही मुद्दे पर केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण सहित कई मुकदमे दायर किए हैं, जिसने हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया था।

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याचिकाकर्ता ने प्रारंभिक जांच से बचने के लिए कई दौर की मुकदमेबाजी दायर की है। हलफनामे में कहा गया है, ‘याचिकाकर्ता अलग-अलग मंचों पर कई मुकदमे दायर करके जांच को लंबा खींच रहा है और इसमें देरी कर रहा है।’ एजेंसी ने अपने हलफनामे में कहा कि वानखेड़े के खिलाफ अनियमितताओं की उसे जो शिकायतें मिली हैं, वे ‘गंभीर और संगीन’ हैं। एजेंसी ने वानखेड़े के दावों का खंडन किया यह जांच अज्ञात शिकायतों के आधार पर शुरू की गई थी।

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