राष्ट्रीय राजधानी में अवैध रूप से रहने के आरोप में बांग्लादेश के सात नागरिकों को पकड़ लिया गया है। पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
ये लोग ‘डंकी’ मार्ग से यूरोप पहुंचने के लिए भारत को पारगमन मार्ग के रूप में इस्तेमाल करने की फिराक में थे।
पुलिस ने बताया कि आरोपियों की पहचान सोहाग (40), मोहम्मद शाएद उल्ला कव्हर भुइयां (46), मोहम्मद साजिब हसन (28), लिटन मोलिक (37), मोहम्मद मिज़ानपुर रहमान (33), मोहम्मद जकारिया (37) और विश्वजीत चंद्र बर्मन (42) के रूप में हुई है, जो सभी बांग्लादेश के निवासी हैं।
बाहरी दिल्ली के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) सचिन शर्मा ने कहा, ‘‘बांग्लादेश में दूतावासों की कमी के कारण यूरोपीय देशों के लिए वीजा हासिल करने में कठिनाइयों का हवाला देते हुए कई बांग्लादेशी नागरिक भारत में प्रवेश करते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘वहां से बेहतर आजीविका के अवसरों और आर्थिक स्थिरता की तलाश में अनियमित प्रवास मार्गों के माध्यम से यूरोपीय देशों तक पहुंचने का प्रयास करने वाले लोगों की संख्या बढ़ रही है।’’
पुलिस ने पीरागढ़ी कैंप क्षेत्र में मुख्य रोहतक रोड पर काली माता मंदिर के पास अभियान चलाया जहां आरोपी कथित तौर पर अनधिकृत तरीके से रहने का प्रयास कर रहे थे।
डीसीपी ने कहा, ‘‘पूछताछ के दौरान सभी सातों लोग वैध दस्तावेज दिखाने में विफल रहे और सत्यापन पर पता चला कि उनके परमिट की अवधि समाप्त हो चुकी थी। विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (एफआरआरओ) ने निर्वासन की कार्यवाही शुरू कर दी है।’’
इससे पहले इसी तरह के सत्यापन अभियान के दौरान सुल्तान पुरी में एक अन्य बांग्लादेशी नागरिक मोहम्मद अफजल को गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने बताया कि उससे पूछताछ के बाद पुलिस को पीरागढ़ी में इन लोगों के बारे में पता चला।
अधिकारी ने बताया कि विदेशी प्रकोष्ठ ने इस वर्ष लगभग 1,500 व्यक्तियों की जांच की है और इससे पहले बाहरी दिल्ली में इसी प्रकार के उल्लंघन के लिए चार अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया है।