Breaking News
-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी तीन देशों की यात्रा के दौरान इटली, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया समेत…
-
महाराष्ट्र और झारखंड के लिए कल का दिन बेहद अहम होने वाला है। दोनों की…
-
शिक्षा और आईटी मंत्री नारा लोकेश ने विधान परिषद में आंध्र प्रदेश लोकायुक्त संशोधन विधेयक…
-
मुंबई क्राइम ब्रांच की टीम ने इससे पहले अक्टूबर में एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की…
-
केंद्र जातीय हिंसा प्रभावित मणिपुर में 10,000 से अधिक सैनिकों को भेजेगा, जिससे पड़ोसी राज्य…
-
सुप्रीम कोर्ट ने उन गवाहों के बयानों तक पहुंच के पंजाब सरकार के अनुरोध को…
-
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने महाराष्ट्र और झारखंड में चुनाव के बाद के घटनाक्रम की…
-
आप सांसद संजय सिंह ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर गौतम अडानी का पक्ष…
-
फिल्मी सितारों से जुड़े विवादों और कानूनी पचड़ों का रिश्ता काफी पुराना है। सीनियर एक्टर…
-
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मुल्क को विकसित देश बनाने के लिए शुक्रवार को लोगों के…
श्रीनगर । नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने शनिवार को आरोप लगाया कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने प्रशासन, भाजपा और उसके छद्म सहयोगियों को नेशनल कॉन्फ्रेंस को हराने का निर्देश देने के लिए कश्मीर का दौरा किया। अधिकारियों ने बताया कि शाह ने शुक्रवार को कश्मीर घाटी का संक्षिप्त दौरा किया और इस दौरान उन्होंने स्थानीय सिखों, पहाड़ निवासियों और भाजपा कार्यकर्ताओं सहित कई प्रतिनिधिमंडलों से बातचीत की। हालांकि लोकसभा चुनावों के बीच हुई उनकी यात्रा और इस दौरान कश्मीर के कुछ नेताओं के साथ उनकी बैठकों ने अटकलों को जन्म दिया है। हालांकि उनके घाटी से रवाना होने से पूर्व से उनके कार्यक्रमों को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया।
अब्दुल्ला ने मध्य कश्मीर के बडगाम जिले के मागाम इलाके में संवाददाताओं से कहा, हम अभी तक यह नहीं समझ पाए हैं कि उनके (गृह मंत्री के) दौरे का उद्देश्य क्या था, क्योंकि भाजपा ने यहां उम्मीदवार नहीं उतारे हैं। पहले अफवाह थी कि वह सुरक्षा समीक्षा बैठक के लिए आए हैं, लेकिन कोई बैठक नहीं हुई। यह इलाका बारामूला निर्वाचन क्षेत्र का हिस्सा है, जहां से नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष चुनाव लड़ रहे हैं। अब्दुल्ला ने दावा किया कि शाह के दौरे का उद्देश्य प्रशासन, भाजपा और उसकी बी , सी , डी और ई टीमों को नेशनल कॉन्फ्रेंस को हराने के तरीके के बारे में निर्देश देना था। भाजपा ने कश्मीर की तीन लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार नहीं उतारे हैं, लेकिन अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद बनी कुछ नई राजनीतिक पार्टियों को अनौपचारिक रूप से समर्थन दिया है।