केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बृहस्पतिवार को कहा कि मेघालय में चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने एनपीपी से अपना गठबंधन तोड़ दिया ताकि वह सभी 60 विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ सके और मजबूत बनकर उभर सके।
नॉर्थ तूरा निर्वाचन क्षेत्र में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने राज्य में भ्रष्टाचार को खत्म करने का वादा करते हुए लोगों से भाजपा को वोट देने की अपील की। उन्होंने कहा, ‘‘राज्य में कुप्रबंधन और भ्रष्टाचार के कारण, 2022-23 में घाटा 1849 करोड़ रुपये था। यह मेघालय जैसे छोटे राज्य के लिए एक बड़ी राशि है। आरबीआई (भारतीय रिजर्व बैंक) की एक रिपोर्ट के अनुसार, मेघालय देश में सबसे धीमी गति से विकास कर रहा है।’’
शाह ने रैली में कहा, ‘‘भाजपा को राज्य में एक मजबूत पार्टी बनाएं और हम भ्रष्टाचार खत्म कर देंगे।’’
नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के नेतृत्व वाली मेघालय डेमोक्रेटिक एलायंस (एमडीए) सरकार का हिस्सा रह चुकी भाजपा 27 फरवरी को होने वाले चुनाव में सभी 60 सीट पर चुनाव लड़ रही है। उन्होंने कहा, ‘‘हमने मेघालय में गठबंधन (एनपीपी के साथ) तोड़ा ताकि भाजपा सभी सीट पर चुनाव लड़ सके और एक मजबूत पार्टी के रूप में उभर सके।’’
क्षेत्र के लिए केंद्र द्वारा की गई विकास पहल को गिनाते हुए उन्होंने कहा कि पीएम-डिवाइन योजना 6,000 करोड़ रुपये के बजट के साथ शुरू की गई है।
शाह ने कहा, ‘‘मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि अगर हम राज्य में सरकार बनाने में सक्षम होते हैं तो मेघालय पीएम-डिवाइन योजना का सबसे बड़ा लाभार्थी होगा।’’
पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए प्रधानमंत्री की विकास पहल (पीएम-डिवाइन) के तहत, केंद्र बुनियादी ढांचे के विकास, उद्योगों और सामाजिक विकास परियोजनाओं के लिए निवेश करेगा, जिससे रोजगार सृजन होगा।
उन्होंने कहा, ‘‘मेघालय में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 21 लाख लोग मुफ्त अनाज का लाभ उठा रहे हैं। करीब दो लाख किसानों को सालाना 6,000 रुपये मिल रहे हैं।’’
शाह ने कहा कि भाजपा गारो क्षेत्र में प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा मुहैया कराने की दिशा में काम करेगी। उन्होंने कहा कि केंद्र ने मेघालय के लिए दो मेडिकल कॉलेज का प्रस्ताव रखा था, लेकिन राज्य सरकार एक भी बनाने में विफल रही।
उन्होंने कहा, ‘‘50 साल से मेघालय में कोई मेडिकल कॉलेज नहीं है। असम में हमने पांच मेडिकल कॉलेज बनाए हैं। मोदी सरकार ने मेघालय के लिए दो मेडिकल कॉलेज प्रस्तावित किए। हालांकि, राज्य सरकार एक भी मेडिकल कॉलेज नहीं बना पाई।’’ उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी एकमात्र प्रधानमंत्री हैं जो 51 बार पूर्वोत्तर आए और क्षेत्र के विकास में मदद की।