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Investors Summit भारत के वैश्विक उत्पादन केंद्र बनने के लक्ष्य की पूर्ति में एक बड़ी छलांग: Shah

केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार की सराहना करते हुए कहा कि राज्य में ‘उद्योग’ और ‘निवेश’ के लिए अनुकूल वातावरण बना हुआ है।
यहां आयोजित तीन दिवसीय ‘वैश्विक निवेशक सम्मेलन’ को देश के विकास में सहायक बताते हुए शाह ने यह भी कहा कि इस सम्मेलन ने भारत के वैश्विक उत्पादन केंद्र बनने के लक्ष्य की पूर्ति में एक बड़ी छलांग लगायी है।

शाह ने ‘‘उत्तर प्रदेश वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन 2023’’ में सुरक्षा और एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) तथा सहकारी समितियों को सशक्त बनाने के विषय पर आयोजित सत्र को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘भाजपा की सरकार में उत्तर प्रदेश में पांच वर्षों में जो परिवर्तन आया है, वह समग्र देश के लिए शुभ है। जब तक उत्तर प्रदेश का विकास नहीं होगा, तब तक हमारा देश बहुत आगे नहीं बढ़ सकता है।’’

उन्होंने उत्तर प्रदेश के संसाधनों की सराहना करते हुए कहा कि मोदी जी (प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी) ने जो पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य रखा है, उसके लिए उत्तर प्रदेश का विकास बहुत महत्वपूर्ण है, इसलिए उत्तर प्रदेश के विकास को आगे बढ़ाने का मतलब है भारत के विकास को गति देना और इसमें एमएसएमई महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

शाह ने कहा, ‘‘सहकारिता और एमएसएमई क्षेत्रों में रोजगार की सबसे बड़ी संभावना है। उत्तर प्रदेश में एमएसएमई क्षेत्र को दिया गया भरोसा यहां रोजगार पैदा करने के लिए एक मजबूत व्यवस्था प्रदान करेगा।’’
गृह मंत्री ने अपने संबोधन में पिछली सरकार पर निशाना साधते हुए बिना नाम लिए कहा, ‘‘पहले सरकार लखनऊ के बजाय दिल्ली में उत्तर प्रदेश के लिए निवेशक सम्मेलन आयोजित करती थी।’’ उन्होंने तंज करते हुए सवाल किया कि ‘‘कोई उत्तर प्रदेश में निवेश कैसे कर सकता है अगर वह उत्तर प्रदेश नहीं आ सकता है?’’

अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘सबसे पहले मैं योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व की उप्र सरकार को साधुवाद देना चाहता हूं जिन्होंने उप्र में निवेश लाने के लिए इस सम्मेलन का आयोजन किया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह तीन दिन आगामी तीन वर्षों के लिए बहुत शुभ और फलदायी होने वाले हैं।’’
शाह ने कहा, ‘‘अगर किसी भी राज्‍य में उद्योग लाना है, उसे उत्पादन केंद्र बनाना है, वहां निवेश लाना है तो उसकी पांच योग्यताएं होनी चाहिए।’’

गृह मंत्री ने इसे सिलसिलेवार गिनाते हुए कहा, ‘‘कानून व्यवस्था ठीक होनी चाहिए, राज्‍य की अवसंरचना अच्छी होनी चाहिए और राज्‍य सरकार को उद्योग और वित्त के लिए अपनी नीतियों का निर्धारण स्पष्ट तरीके से करना चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘राज्य सरकार पारदर्शी तरीके से चलनी चाहिए और पांचवां राज्य के मंत्रिमंडल में त्वरित निर्णय लेने की क्षमता होनी चाहिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘एक जमाना था, जब उत्तर प्रदेश में पांचों योग्यताएं ढूंढने पर निराशा हाथ लगती थी, लेकिन आज ये पांच चीजें उत्तर प्रदेश शासन ने जमीन पर उतार दी है।’’

शाह ने योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा इन पांचों योग्यताओं का बखूबी निर्वहन होने का दावा करते हुए कहा, ‘‘यहां कानून व्यवस्था की स्थिति ठीक हुई है, अवसंरचना के मोर्चे पर देश के अंदर जो कुछ चुनिंदा राज्य हैं, उनमें पिछले पांच साल में इस क्षेत्र में उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक निवेश हुआ है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘राज्य में योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में भाजपा की सरकार पारदर्शी तरीके से चल रही है, एक भी आरोप हमारी सरकार पर नहीं है। इसके साथ-साथ उत्तर प्रदेश ने त्वरित फैसले लेने का माद्दा दिखाया है और त्वरित फैसले लिए हैं।’’

सम्‍मेलन को संबोधित करते हुए उप्र के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने एमएसएमई और सहकारिता के क्षेत्र में अमित शाह के प्रयासों की खूब सराहना की। योगी ने कहा कि ओडीओपी (एक जिला-एक उत्‍पाद) आज आत्मनिर्भर भारत की आधारशिला बनकर उभरी है।
उन्होंने कहा, ‘‘राज्य में लगभग 98 लाख एमएसएमई इकाइयां मौजूद हैं, लेकिन ये सभी यूनिट वर्ष 2017 से पहले उपेक्षित थीं और दम तोड़ रहीं थीं। ऐसे में लोग इसे बंद करके पलायन कर रहे थे। इसे दोबारा जीवित करने के लिए वर्ष 2016 में उस समय के प्रदेश प्रभारी अमित शाह ने जनता के लिए समर्पित लोक कल्याण संकल्प पत्र में इसे विशेष तरजीह दी। वहीं, वर्ष 2017 में राज्य में भाजपा की सरकार बनने पर डबल इंजन की सरकार जिस एक योजना को लेकर आई थी वह ओडीओपी है जो आज ‘‘आत्मनिर्भर भारत’’ की आधारशिला बनी है।’’

इस सत्र में उप मुख्‍यमंत्री बृजेश पाठक, उप्र सरकार के एमएसएमई मंत्री राकेश सचान, लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद और सहकारिता राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) जेपीएस राठौर समेत कई प्रमुख लोग मौजूद थे।
सचान ने अपने संबोधन में कहा कि आज 8856 कंपनियों ने एक लाख 40 हजार करोड़ रुपये का एमएसएमई क्षेत्र में एमओयू किया है।

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