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मुंबई । वंचित बहुजन अघाडी के प्रमुख प्रकाश आंबेडकर ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शदचंद्र पवार) के अध्यक्ष शरद पवार द्वारा महाराष्ट्र में आरक्षण की सीमा बढ़ाकर 75 प्रतिशत करने की मांग को लेकर शुक्रवार को उन्हें आड़े हाथ लिया। उन्होंने कहा कि पवार की मांग ‘बौद्धिक दिवालियापन’ का संकेत हैं। उन्होंने सवाल किया कि निजी क्षेत्र में आरक्षण का लाभ कब मिलेगा जिसमें अविभाजित राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस नेताओं का प्रभुत्व है।
आंबेडकर ने ‘पीटीआई वीडियो सेवा’ से बातचीत में कहा, ‘‘यह बौद्धिक दिवालियापन है। आरक्षण विकास का मुद्दा नहीं है। यह प्रतिनिधित्व से जुड़ा मामला है।’’ शरद पवार ने सांगली में कहा था, ‘‘वर्तमान आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत है। लेकिन अगर तमिलनाडु (विभिन्न समुदायों के लिए आरक्षण) 78 प्रतिशत कर सकता है तो महाराष्ट्र में 75 प्रतिशत आरक्षण क्यों नहीं किया जा सकता।’’
आंबेडकर ने कहा कि 75 प्रतिशत आरक्षण की मांग नागरिकों को सुरक्षित जीवन मुहैया कराने की जिम्मेदारी से भागने के समान है। मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे के बारे में वीबीए प्रमुख ने कहा कि उन्हें चुनाव लड़ना चाहिए नहीं तो अब कोई उनके मराठा नेता होने पर विश्वास नहीं करेगा। आंबेडकर ने कहा, ‘‘ पूर्व में जरांगे के बारे में कहा जाता था कि वह (उप मुख्यमंत्री देवेंद्र) फडणवीस के लिए काम कर रहे हैं। बाद में कहा जाने लगा कि वह मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के लिए काम कर रहे हैं। अब कहा जा रहा है कि वह शरद पवार के लिए काम कर रहे हैं। अगर वह अपनी इस छवि से बाहर निकलना चाहते हैं तो उन्हें चुनाव लड़ने की घोषणा करनी चाहिए।