नेशनल कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) सुप्रीमो शरद पवार को शुक्रवार को ट्विटर के जरिए जान से मारने की धमकी मिली। इसके बाद एनसीपी ने पार्टी कार्यकर्ताओं से हर कीमत पर शांति बनाए रखने की अपील की। मामले पर संज्ञान लेते हुए मुंबई पुलिस ने पहली सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज की। पवार की बेटी और लोकसभा सदस्य सुप्रिया सुले के नेतृत्व में राकांपा नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने कार्रवाई की मांग को लेकर मुंबई पुलिस प्रमुख विवेक फनसालकर से मुलाकात की थी।
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जान से मारने की धमकी पर प्रतिक्रिया देते हुए NCP प्रमुख पवार ने कहा कि उन्हें पुलिस पर पूरा भरोसा है और उन्हें धमकियों की चिंता नहीं है। उन्होंने कहा कि इस राज्य के प्रत्येक नागरिक को संविधान के अनुसार किसी भी पार्टी के बारे में अपने विचार व्यक्त करने का अधिकार है, ऐसे में अगर कोई यह सोचता है कि वह धमकियों से आवाज बंद कर सकता है तो यह गलतफहमी है। एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने मौत की धमकी पर कहा, मुझे व्यवस्था और पुलिस की क्षमताओं पर पूरा भरोसा है, जो कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिम्मेदार हैं, इसलिए मुझे इसकी चिंता नहीं है।
पूरे मामले को लेकर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की राजनीति की एक उच्च परंपरा रही है। हमारी राजनीतिक स्तर पर मतभेद हैं, लेकिन विचारों में मतभेद नहीं हैं। भाजपा नेता ने कहा कि किसी भी नेता को धमकी देना या सोशल मीडिया पर खुद को अभिव्यक्त करते हुए शिष्टता की सीमा को पार करना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ऐसे में पुलिस निश्चित रूप से कानून के अनुसार कार्रवाई करेगी।
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NCP नेता और सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि शरद पवार के नाम से मेरे व्हाट्सएप पर संदेश आया है। उन्हें एक वेबसाइट से धमकी दी गई है और साथ ही संबंधित अकाउंट से भी ऐसे ही संदेश आए हैं। उन्होंने कहा कि मैं यहां न्याय मांगने आई हूं। मेरी केंद्रीय गृह मंत्री और महाराष्ट्र के गृह मंत्री से मांग है कि ये जो गंदी राजनीति हो रही है, वो रुकनी चाहिए।