बीड लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र महाराष्ट्र का महत्वपूर्ण संसदीय क्षेत्र है। जहां 2024 के आम चुनाव में शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी के वर्चस्व को तोड़कर जीत हासिल की है। एनसीपी (शरद पवार) गुट के बजरंग मनोहर सोनवने सांसद चुने गए हैं। यह क्षेत्र कृष्णा नदी की सहायक नदी के किनारे बसा है। पहाड़ी श्रृंखला से घिरा यह क्षेत्र प्राकृतिक रूप से बेहद सुंदर है। जिला मुख्यालय होने के चलते यह प्रमुख क्षेत्र भी है। इस क्षेत्र को देवगिरि के यादव शासकों ने बसाया था। बाद में यह हैदराबाद के निजाम की रियासत का हिस्सा हो गया। यहां की ऐतिहासिक इमारतों में बिंदुसरा नदी की बाढ़ से बचाने के लिए बनाई गई दीवार प्रमुख है। धार्मिक स्थलों में यहां का कंकलेश्वर मंदिर सबसे लोकप्रिय स्थान है।
बीड लोकसभा क्षेत्र पूरी तरह से महाराष्ट्र के बीड जिले के अंतर्गत ही आता है। यह लोकसभा क्षेत्र गेवराई, माजलगांव, बीड, आष्टी, केज और परली विधानसभा क्षेत्र को मिलाकर बनाया गया है। जिसमें से फिलहाल तीन सीटों पर अजित पवार के गुटवली एनसीपी, दो सीट भारतीय जनता पार्टी और एक सीट शरद पवार के गुट वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के पास है। 1972 से अस्तित्व में आयी बीड लोकसभा क्षेत्र की गेवराई विधानसभा सीट से कांग्रेस के शिवाजीराव अंकुशराव पंडित 1978 से लेकर 1995 तक लगातार विधायक रहे हैं। उसके बाद कांग्रेस यहां कभी वापसी नहीं कर सकी है। वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी के लक्ष्मण पवार यहां से लगातार दो बार चुनाव जीत चुके हैं। उनके पहले इस सीट पर एनसीपी का कब्जा था।
इस लोक सभा क्षेत्र की माजलगांव विधानसभा सीट पर बीजेपी और एनसीपी ही लंबे समय से एक दूसरे के प्रतिद्वंद्वी बने हुए हैं। 2019 के चुनाव में अजित पवार के गुट वाली एनसीपी के प्रकाशदादा सोलंके ने यहां से विजय हासिल की थी। विधायक सोलंके इसके पहले भी 1999 से लेकर 2014 इस क्षेत्र से विधायक रह चुके हैं, लेकिन 2014 के चुनाव में बीजेपी के आरटी देशमुख ने उन्हें हराकर या सीट अपने नाम की थी। इस लोकसभा क्षेत्र की बीड विधानसभा सीट पर मतदाताओं ने भारतीय जनता पार्टी को छोड़कर सभी राजनीतिक दलों को जीत हासिल करने का मौका प्रदान किया है, लेकिन पिछले 35 साल से यहां शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के बीच ही वर्चस्व की लड़ाई जारी है। पिछले 15 साल से यहां एनसीपी ही जीत दर्ज करती आ रही है। वर्तमान में शरद पवार के गुट के नेता संदीप क्षीरसागर इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
महाराष्ट्र में 2008 में हुए परिसीमन के बाद अस्तित्व में आया आष्टी विधानसभा क्षेत्र पर एनसीपी मजबूत पकड़ बनाकर रखे हुए है। वर्तमान में अजित पवार के गुट के नेता बालासाहेब आजबे इस क्षेत्र से विधायक हैं। उन्होंने भाजपा के भीमराव धोंडे से यह सीट छीनी थी। बीड लोकसभा क्षेत्र की एकमात्र आरक्षित सीट केज विधानसभा है। जहां पर भारतीय जनता पार्टी का दबदबा पिछले 10 साल से लगातार कायम है। पार्टी की नेता नमिता मुंदडा वर्तमान में इस क्षेत्र की जनता की आवाज विधानसभा में पहुंचा रही हैं। यहां पर एनसीपी ने भी 1999 से लेकर 2014 के चुनाव तक एकक्षत्र राज किया है। महाराष्ट्र विधानसभा में 233 नंबर से जाने जानी वाली परली विधानसभा सीट पर 2019 के चुनाव में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के धनंजय मुंडे ने बीजेपी की पंकजा मुंडे को हराकर इस क्षेत्र में एनसीपी का खाता खोला था। पंकजा मुंडे ने 2009 से लेकर 2019 तक लगातार इस क्षेत्र से दो बार जीत हासिल की थी।