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रिलायंस ज्वैलरी शोरूम लूट कांड के मुख्य आरोपी शशांक को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया

देहरादून में हुए चर्चित रिलायंस ज्वैलरी शोरूम लूटकांड के मुख्य आरोपी और कुख्यात सुबोध गिरोह के सदस्य शशांक सिंह उर्फ सोनू राजपूत को ट्रांजिट रिमांड पर यहां लाने के बाद बुधवार को अदालत में पेश किया गया जिसने उसे 14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया।
देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) अजय सिंह ने यहां बताया कि बिहार के सहरसा जिले के रहने वाले आरोपी शशांक (25) को छह जनवरी की देर रात पटना के बेऊर थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया था। इस लूटकांड में अब तक 11 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
उन्होंने बताया कि आरोपी से पूछताछ में पिछले साल नौ नवंबर को हुई घटना में लूटे गए माल के संबंध में अहम जानकारियां मिली हैं जिन पर कार्रवाई की जा रही है।

पुलिस अधिकारी के अनुसार, पूछताछ में शशांक ने बताया कि सुबोध तथा उसके द्वारा ही देहरादून में रिलांयस ज्वैलरी शोरूम में लूट की योजना बनाई गयी थी तथा घटना को अजांम देने के लिए प्रिंस कुमार, अखिलेश उर्फ अभिषेक, विक्रम कुशवाहा, राहुल तथा अविनाश को देहरादून भेजा गया था।
शहर की व्यस्ततम राजपुर रोड पर वारदात उस समय हुई थी जब राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू राज्य स्थापना दिवस समारोह में शिरकत करने के लिए राजधानी में थीं। आरोपियों से पता चला है कि घटना को अंजाम देने के बाद पुलिस की जांच देखकर उन्होंने अपने भागने के रास्ते में भी बदलाव किया था।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी शशांक पर विभिन्न राज्यों में लूट और डकैती सहित कई गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं।

पुलिस ने बताया कि शशांक अपने एक परिचित और सुबोध गिरोह के सदस्य रोशन सिंह के माध्यम से सुबोध सिंह के संपर्क में आया था। बाद में 2015 में रोशन सिंह की हत्या होने के बाद शशांक सुबोध सिंह गिरोह का सक्रिय सदस्य बन गया।
पुलिस के मुताबिक, शशांक ने सुबोध सिंह व अन्य साथियों के साथ मिलकर 2016 में पश्चिम बंगाल के बैरकपुर में मणिपुरम गोल्ड शॉप में 28 किलो तथा 2017 में पश्चिम बंगाल के ही आसनसोल में मुथूट फाइनेंस में 55 किलो सोने की डकैती की घटना को अंजाम दिया था। इस घटना में शशांक, सुबोध सिंह व उसके अन्य साथियों को गिरफ्तार किया गया था।
पुलिस ने बताया कि जेल में बंद रहने के दौरान आरोपी शशांक, सुबोध तथा राजीव कुमार सिंह उर्फ पुल्लू सिंह उर्फ सरदार ने राजस्थान के एक हैकर से ‘वर्चुअल’ सिम बनाने की जानकारी ली थी।

पुलिस के अनुसार, शशांक, राजीव कुमार सिंह उर्फ पुल्लु सिंह उर्फ सरदार तथा सुबोध द्वारा जेल से ही सारी घटनाओं की साजिश रची जाती थी और वर्चुअल नंबरों से गिरोह के अन्य सदस्यों से संपर्क किया जाता था।
शशांक ने बताया कि गुजरात के मेहसाणा में भी उन्होंने लूट की योजना बनाई थी लेकिन रैकी के लिए गए गिरोह के दो सदस्यों में से एक विकास कुमार को देहरादून पुलिस की सूचना पर गुजरात पुलिस तथा देहरादून पुलिस के दलों ने घटना से पहले ही गिरफ्तार कर उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया था।

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