कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने बृहस्पतिवार को कहा कि जन्म नियंत्रण और महिला मजदूरों के लिए समान वेतन पर जोर देने के साथ डॉ बी आर आंबेडकर लगातार महिला सशक्तीकरण के बारे में सोचते थे।
आंबेडकर को भारत का ‘‘पहला पुरुष नारीवादी’’ बताते हुए थरूर ने कहा कि 1930 और 40 के दशक में महिला दर्शकों के लिए उनके भाषणों को अब भी देश के कुछ हिस्सों में ‘‘असाधारण रूप से प्रगतिशील’’ माना जाएगा।
कार्यक्रम में ‘बीआर आंबेडकर: लाइफ एंड टाइम्स’ नामक सत्र में आंबेडकरवादी विद्वान सुमित समोस थरूर के साथ शामिल हुए।
थरूर ने 16वें जयपुर साहित्य महोत्सव (जेएलएफ) के उद्घाटन के मौके पर कहा कि ऋषि सुनक का ब्रिटेन में भारतीय मूल का पहला प्रधानमंत्री चुना जाना ब्रिटेन में बदलाव की बयार का संकेत देता है।
तिरुवनंतपुरम के सांसद थरूर पुलित्जर पुरस्कार से सम्मानित कैरोलिन एल्किन्स के साथ उनकी हालिया पुस्तक ‘‘लिगेसी ऑफ वायलेंस: ए हिस्ट्री ऑफ द ब्रिटिश एम्पायर’’ के बारे में एक बातचीत सत्र का संचालन कर रहे थे।
एल्किन्स ने सुनक के ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बनने के संबंध में पूछा, तो थरूर ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यह प्रदर्शित करता है कि ब्रिटेन घरेलू स्तर पर बदल गया है। यह साम्राज्य के कारण भी बदल गया है।
उन सभी शताब्दियों के साम्राज्य के साथ, उन्होंने एक ऐसी स्थिति का निर्माण किया, जिसमें उपनिवेश के पास इसे महानगरीय देश बनाने के अलावा और कोई आकांक्षा नहीं थी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘और इसलिए आपने बहुत से लोगों को वहां जाते देखा क्योंकि अंग्रेजों ने उन्हें यह विश्वास दिलाया था कि जीवन में जो कुछ भी शानदार और अद्भुत था, वह सब वहां है, जिसकी आकांक्षा की जा सकती थी।