स्थानीय जिला अदालत ने बृहस्पतिवार को कहा कि लखनऊ में गोमती नदी से सटे लक्ष्मण टीला पर स्थित भगवान शेषनागेश टीलेश्वर महादेव मंदिर पर कब्जा दिए जाने की मांग संबंधी दीवानी मुकदमा सिविल जज (सीनियर डिवीजन) के समक्ष सुनवाई के लिए पोषणीय है।
यह फैसला सुनाते हुए अपर जिला जज प्रफुल्ल कमल ने कथित मंदिर के कब्जे के संबंध में इस मामले को कानून के मुताबिक सुनवाई के लिए सिविल जज (सीनियर डिवीजन) के समक्ष भेजे जाने का आदेश दिया।
न्यायाधीश कमल ने सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड द्वारा दायर पुनरीक्षण याचिका खारिज करते हुए यह आदेश पारित किया। सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने दलील दी थी कि पूजा के अधिकार कानून, 1991 के तहत यह मुकदमा दायर करने का समय बीत चुका है।
न्यायाधीश ने हालांकि सिविल जज (सीनियर डिवीजन), दक्षिण द्वारा 25 सितंबर, 2017 को पारित आदेश को सही ठहराया जिसमें निचली अदालत ने कहा था कि यह मुकदमा सुनवाई के लिए पोषणीय है।
उल्लेखनीय है कि यह दीवानी मुकदमा सिविल जज (सीनियर डिवीजन), दक्षिण की अदालत में 2013 में दायर किया गया था जिसमें आरोप लगाया गया था कि एक समुदाय विशेष के लोग कथित मंदिर को नुकसान पहुंचा रहे हैं। यह मुकदमा भगवान शेष नागेश टीलेश्वर महादेव के नाम से दायर किया गया है।
वादी ने उस मंदिर स्थल का कब्जा दिए जाने और उस कथित मंदिर में पूजा अर्चना की अनुमति दिए जाने की मांग की है।