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शिमला के रेस्तरां में विस्फोट: एनएसजी की टीम ने मौके से साक्ष्य जुटाए

शिमला के माल रोड स्थित एक रेस्तरां में गैस लीक के कारण हुए विस्फोट के बाद रविवार को राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) की टीम वहां पहुंची।
मंगलवार शाम को हुए विस्फोट में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी, जबकि 13 अन्य घायल हो गए थे।
यह घटना शिमला शहर के बीचोंबीच दमकल कार्यालय के सामने मिडल बाजारस्थित ‘हिमाचली रसोई’ में हुई थी। यह रेस्तरां अपने हिमाचली व्यंजनों के लिए मशहूर है। पुलिस ने बताया कि यह विस्फोट गैस लीक के कारण हुआ।
एनएसजी के ‘नेशनल बम डेटा सेंटर’ (एनबीडीसी) की 16 सदस्यीय टीम ने मौके से साक्ष्य जुटाए, मामले की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा एकत्र साक्ष्यों का विश्लेषण किया, घायलों से बातचीत की और शुरूआत में नमूने एकत्र करने वाली फॉरेंसिक टीम से बात की।

राज्य के पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने दिन में ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया था कि विस्फोट जिस रेस्तरां में हुआ, वह ‘पुलिस रिपोर्टिंग कक्ष’ के पास स्थित है, इसलिए यह मामला संवेदनशील है।उन्होंने बताया कि एनएसजी को इस क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल है और सरकार की मानक संचालन प्रक्रिया के तहत विस्फोट के कारण का पता लगाने के लिए उसकी सेवा ली जा रही है।
1988 में बनाई गई, एनबीडीसी विस्फोट के बाद जांच (पीबीआई) के लिए शीर्ष राष्ट्रीय एजेंसी है जो एनएसजी के तहत काम करती है।
यहां जारी एक बयान में कहा गया है कि मामले की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए और गहन और त्वरित जांच सुनिश्चित करने के लिए, डीजीपी ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत आने वाले ‘आतंकवाद रोधी और कट्टरपंथ रोधी प्रभाग’ के अतिरिक्त सचिव से विस्फोट के कारण का पता लगाने के लिए एनएसजी की पीबीआई टीम को तैनात करने का अनुरोध किया था।


कुंडू ने 19 जुलाई को मौके का दौरा किया था और कहा था कि शुरूआती जांच और फॉरेंसिक जांच से यह संकेत मिलता है कि विस्फोट गैस लीक के कारण हुआ होगा।
घायलों के बयान के अनुसार, घरेलू गैस सिलेंडर से गैस लीक होने के कारण विस्फोट हुआ, लेकिन विस्फोट की जगह मरम्मत के कारण बंद थी, इसलिए ज्यादा लोग हताहत नहीं हुए।
शिमला के पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार गांधी ने कहा कि आसपास के लोगों ने विस्फोट से पहले गैस लीक होने की शिकायत की थी।
हालांकि, विस्फोट के कारण आसपास की दुकानों/मकानों की खिड़कियों के कांच टूटने और विस्फोट की आवाज दूर तक सुने जाने के कारण इसकी प्रकृति पर संदेह किया जा रहा है।

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