राकांपा नेता अजीत पवार की बीजेपी में एंट्री को लेकर चल रही चर्चाओं के बीच एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के एक नेता ने कहा कि अगर वह शिवसेना या भाजपा में शामिल होते हैं तो पार्टी उनका स्वागत करेगी, लेकिन अगर उनके (पवार) के वफादार विधायकों ने भी इस ओर रुख किया, तो शिवसेना पार्टी महाराष्ट्र सरकार से नाता तोड़ लेगी। शिंदे सेना के प्रवक्ता और विधायक संजय शिरसाट ने दावा किया कि अजित पवार एनसीपी में नहीं रहना चाहते हैं। एनसीपी में अभी बेचैनी है, क्योंकि शिवसेना (अविभाजित) में बेचैनी थी। अजीत पवार उद्धव ठाकरे के नेतृत्व को मंजूरी नहीं देते हैं और वह एनसीपी में नहीं रहना चाहते हैं।
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मुझे लगता है कि पार्टी में अजित पवार को खुली छूट नहीं मिली है। अगर वह राकांपा छोड़कर भाजपा और शिवसेना में शामिल होते हैं तो हम इसका स्वागत करेंगे। हालांकि, अगर वह विधायकों के एक वर्ग के साथ जुड़ते हैं, तो हम सरकार में नहीं रहेंगे। शिरसाट ने कहा कि शिवसेना ने देखा है कि कैसे एनसीपी ने अपने सहयोगियों को धोखा दिया और इसलिए उनकी पार्टी एनसीपी के साथ सत्ता साझा नहीं करेगी। हमने एमवीए सरकार से बाहर निकलने का फैसला किया क्योंकि लोग हमें कांग्रेस और एनसीपी के साथ जाना पसंद नहीं करते थे। हमने कांग्रेस-एनसीपी इसलिए छोड़ी क्योंकि हम उनके साथ नहीं रहना चाहते थे।
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शिरसात ने कहा कि 2019 में लोकसभा चुनाव में अपने बेटे पार्थ के हारने के बाद से ही अजीत पवार एनसीपी से खफा थे। पवार के भाजपा के करीब आने और पाला बदलने की अटकलों के बीच विधायक का बयान भाजपा के लिए एक चेतावनी प्रतीत हुआ।