Breaking News

Shivakumar ने दिल्ली यात्रा रद्द की;मुख्यमंत्री पद को लेकर सिद्धरमैया के साथ प्रतिस्पर्धा की अटकलें

कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद के दावेदार एवं कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार ने सोमवार को दिल्ली की अपनी प्रस्तावित यात्रा रद्द कर दी, जिससे ये अटकलें लगाई जा रही हैं कि राज्य में सत्ता की बागडोर संभालने के लिए नाम तय किये जाने के मुद्दे पर पार्टी में सबकुछ ठीक नहीं है।
हालांकि, उन्होंने यात्रा रद्द करने से कुछ ही घंटे पहले इस बात की पुष्टि की थी कि वह राष्ट्रीय राजधानी के लिए रवाना होने वाले हैं।
उन्होंने अपनी यात्रा की योजना में बदलाव के लिए स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया है।

राज्य में गठित होने वाली कांग्रेस सरकार का नेतृत्व कौन करेगा, उसे लेकर शिवकुमार की पूर्व मुख्यमंत्री एवं पार्टी के वरिष्ठ नेता सिद्धरमैया के साथ रस्साकशी चल रही है।
कांग्रेस ने 224 सदस्यीय राज्य विधानसभा के लिए 10 मई को हुए मतदान में 135 सीट पर जीत दर्ज की है। चुनाव नतीजे शनिवार को घोषित किये गये थे।
इस बीच, सिद्धरमैया अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के नेताओं से मिलने के लिए आज दिल्ली पहुंच गये।
शिवकुमार ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मेरे पेट में कुछ समस्या है। इसमें जलन हो रही है। ऐसा लगता है कि कुछ संक्रमण हो गया है और मुझे बुखार है…मुझे थोड़ा आराम करने दीजिए…।’’

उनके करीबी सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है कि वह आज दिल्ली नहीं जा रहे हैं।
इससे पहले दिन में, शिवकुमार ने कहा था, ‘‘चूंकि आज मेरा जन्मदिन है, इसलिए काफी संख्या में लोग मुझे शुभकामना देने आ रहे हैं। मुझे अपने परिवार के साथ अपने कुल देवता के दर्शन करने जाना है। वहां जाने के बाद, मैं दिल्ली रवाना होऊंगा। मैं नहीं जानता कि किस समय मैं दिल्ली जाऊंगा। जो भी उड़ान उपलब्ध होगी, मैं उससे जाऊंगा।’’

मुख्यमंत्री पद के लिए उन्हें और सिद्धरमैया का समर्थन करने वाले विधायकों की संख्या के बारे में लगाई जा रही अटकलों पर शिवकुमार ने कहा कि उनकी ताकत 135 (विधायक) है, क्योंकि उनकी (शिवकुमार की) अध्यक्षता में पार्टी ने विधानसभा चुनाव में इतनी संख्या में सीट जीती है।
शिवकुमार ने दिन में कहा था कि उन्हें और सिद्धरमैया को पार्टी आलाकमान ने दिल्ली बुलाया है, लेकिन वह कुछ निजी कार्यक्रम के चलते वहां देर से जाएंगे।
कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व पार्टी के नवनिर्वाचित विधायकों से ली गई राय के बारे में पर्यवेक्षकों द्वारा एक रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद मुख्यमंत्री का नाम तय करेगा। पर्यवेक्षकों ने रविवार को बेंगलुरु में हुई कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) की बैठक में उनकी राय ली थी।

शहर के एक होटल में रविवार शाम कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई थी, जिसमें आम सहमति से एक प्रस्ताव पारित कर ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को कर्नाटक का नया मुख्यमंत्री चुनने के लिए अधिकृत किया गया।
शिवकुमार ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘मुझे अभी पूजा करनी है, घर पर मेरे जन्मदिन का समारोह है। मुझे ताकत और लोगों का समर्थन देने के लिए क्या मुझे भगवान की पूजा नहीं करनी चाहिए, इसे संपन्न कर लेने दीजिए।’’
उनके साथ कितनी संख्या में विधायक हैं, यह पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘मैं किसी को अपने साथ नहीं ले रहा, ना ही कोई मेरे साथ है।

कांग्रेस के 135 (नवनिर्वाचित) विधायक हैं। कोई भी अपने साथ किसी को ले सकता है। मैं किसी को नहीं लूंगा।’’
उन्होंने कहा कि वह किसी का समर्थन नहीं चाहते और उन्होंने अपना कर्तव्य निभाया है।
अकेला व्यक्ति होने के उनके दावे के बारे में पूछे जाने पर प्रदेश कांग्रेस प्रमुख ने कहा, ‘‘मैं एक अकेला व्यक्ति हूं, क्योंकि मेरे पास (विधायकों की) कोई संख्या नहीं है। मैंने कभी (नवनिर्वाचित विधायकों की) अपनी संख्या के बारे में नहीं बोला है। मैं व्यक्ति पूजा नहीं करता, बल्कि पार्टी की पूजा करता हूं। मेरी ताकत 135 (नवनिर्वाचित विधायक) है। मैं पार्टी (का प्रदेश) प्रमुख हूं, हमारा (कांग्रेस का) संख्या बल 135 है…।’’
मुख्यमंत्री पद के लिए उनके हठ करने के बारे में हो रही चर्चा पर जवाब देते हुए शिवकुमार ने कहा, ‘‘जो कोई भी जिस चीज पर भी चर्चा करना चाहता है करने दें। मुझे फर्क नहीं पड़ता। मैं आपकी या किसी अन्य की चर्चा का जवाब नहीं दूंगा। मेरे पास धैर्य और लड़ने की ताकत है।’’

सिद्धरमैया द्वारा कथित तौर पर यह दावा किया जाना कि मुख्यमंत्री पद की दौड़ में उनके पास अधिकतम संख्या में विधायकों का समर्थन है, शिवकुमार ने कहा कि वह गुप्त मतदान और विधायकों की राय के बारे में नहीं जानते।
उन्होंने कहा, ‘‘मेरे पास कोई विधायक नहीं है, मैं नहीं जानता कि विधायकों की क्या राय है…मेरे पास 135 विधायक और एक सहयोगी सदस्य की ताकत है, इस तरह हमारे पास कुल 136 विधायक हैं, वे कांग्रेस पार्टी के विधायक हैं…हमने यह प्रस्ताव पारित किया है कि हम पार्टी आलाकमान को (मुख्यमंत्री पद के लिए) निर्णय लेने को अधिकृत करते हैं। आलाकमान ही निर्णय लेगा।

Loading

Back
Messenger