मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में स्थित सतपुड़ा भवन में पिछले सप्ताह हुए भीषण अग्निकांड की जाँच के लिये गठित समिति ने अपनी प्राथमिक रिपोर्ट में कहा है कि यह आग शॉर्ट सर्किट की वजह से लगी और इससे अनुमानित 24 करोड़ रूपये का नुकसान हुआ है।
सतपुड़ा भवन में प्रदेश सरकार के विभिन्न विभागों के कार्यालय हैं।
राज्य सरकार को सोमवार को सौंपी गई अपनी 287 पृष्ठ की प्राथमिक रिपोर्ट में समिति ने यह भी कहा है कि इस अग्निकांड में किसी भी व्यक्ति की संदिग्ध भूमिका परिलक्षित नहीं होती है।
मालूम हो कि सतपुड़ा भवन में 12 जून 2023 की शाम को तीसरी मंजिल पर आग लगी, जो छठी मंजिल तक फैल गई थी। इस भीषण आग पर अगले दिन काबू पाया जा सका था। हालांकि, इस हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ।मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग की विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘‘सतपुड़ा भवन में अग्नि दुर्घटना की जाँच के लिये गठित समिति ने 287 पृष्ठ की प्राथमिक रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप दी है।
समिति ने प्राथमिक आकलन में 24 करोड़ रूपये का नुकसान दर्ज किया है।’’
इसमें कहा गया है कि जाँच समिति ने सोमवार को विभिन्न बिन्दुओं के दृष्टिगत तैयार की गई प्राथमिक रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी। समिति ने प्रभावित तीन स्थल का निरीक्षण कर 32 बयान दर्ज किये। रिपोर्ट में राज्य-स्तरीय फॉरेंसिक साइंस लैब सागर की जाँच रिपोर्ट, मुख्य विद्युत निरीक्षक और उनके जाँच दल की तकनीकी रिपोर्ट, नुकसान के आकलन के लिये बनी लोक निर्माण विभाग की दो उप समितियों के प्रतिवेदन को शामिल किया गया है।
विज्ञप्ति के अनुसार, जाँच प्रतिवेदन में उल्लेखित है कि राज्य-स्तरीय फॉरेंसिक साइंस लैब सागर से प्राप्त रिपोर्ट अनुसार, सतपुड़ा भवन की तीसरी मंजिल पर स्थित अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग के उप संचालक वीरेन्द्र सिंह के कमरे में लगे एल्युमिनियम धातु के विद्युत तार, एमसीबी (मिनियेचर सर्किट ब्रेकर) के जले-अधजले भाग एवं कॉपर जैसी धातु के विद्युत तार में शॉर्ट सर्किट से उत्पन्न होने वाले आंतरिक ताप के प्रभाव विद्यमान हैं।
इसमें कहा गया है, ‘‘तीसरी मंजिल पर आग लगने का संभावित कारण विद्युत शॉट सर्किट प्रतीत होता है।’’
विज्ञप्ति के अनुसार, राज्य प्रयोगशाला द्वारा थिन लेयर क्रोमेटोग्रॉफिक एवं गैस क्रोमेटोग्रॉफिक परीक्षण के बाद रिपोर्ट में दुर्घटना स्थल से प्राप्त आठ नमूनों में ज्वलनशील पेट्रोलियम हाइड्रो कार्बन (पेट्रोल, डीजल एवं केरोसिन) के अवशेष नहीं मिले। यह सभी नमूने भविष्य में किसी भी जाँच के मद्देनजर सुरक्षित रखे गये हैं।
जाँच समिति ने निष्कर्ष में स्पष्ट किया है, ‘‘पश्चिमी विंग सतपुड़ा भवन में 12 जून को लगी आग उप संचालक वीरेन्द्र सिंह के तीसरी मंजिल स्थित कक्ष में शॉर्ट सर्किट से आरंभ हुई। समिति ने अपने निष्कर्ष में कहा है कि इस मामले में किसी भी व्यक्ति की संदिग्ध भूमिका परिलक्षित नहीं होती है।