विश्वभारती विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह से कुछ घंटे पहले, शैक्षणिक संस्थान ने सात प्राध्यापकों को कुलपति प्रोफेसर बिद्युत चक्रवर्ती की कार्यशैली के खिलाफ शिकायत करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
विश्वभारती यूनिवर्सिटी फैकल्टी एसोसिएशन के सभी सात सदस्यों ने सोमवार को केंद्रीय विश्वविद्यालय की विजिटर मुर्मू को मेल करके उनका ध्यान फैकल्टी और छात्रों के कथित अपमान की ओर आकर्षित किया था।
इन सदस्यों ने दावा किया था कि ‘‘इससे संस्थान को अपूरणीय क्षति हुई है और संस्थान एनएएसी रैंकिंग में 31 वें स्थान से 98 पायदान पर आ गया है।’’
मुर्मू मंगलवार को विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शामिल हुईं, जिसकी स्थापना रवींद्रनाथ टैगोर ने शांति निकेतन में की थी। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी वी आनंद बोस भी इस मौके पर उपस्थित थे।
सात फैकल्टी सदस्यों ने मेल में कहा, ‘‘हम आपसे तत्काल उपचारात्मक कार्रवाई करने और राष्ट्रीय महत्व के इस संस्थान और इसके हितधारकों को बचाने का अनुरोध करते हैं।’’
कारण बताओ प्रोफेसरों में से एक ने आरोप लगाया कि उन्हें राष्ट्रपति और राज्यपाल से मिलने और इस मुद्दे को राष्ट्रपति कार्यालय के समक्ष उठाने से रोका गया।
विश्वविद्यालय के एक अधिकारी ने इसकी पुष्टि की कि संबंधित प्रोफेसरों को सोमवार को अनुशासनात्मक आधार पर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया क्योंकि उन्होंने सेवा नियमों का शैक्षणिक संस्थान के हितों के खिलाफ उल्लंघन किया है।
अधिकारी ने यह भी आरोप लगाया कि सात प्रोफेसरों ने परिसर में विघटनकारी गतिविधियों को प्रोत्साहित किया था।
जिन प्रोफेसरों को कारण बताओ कारण नोटिस जारी किया गया है उनमें सुदीप्त भट्टाचार्य, कौशिक भट्टाचार्य, तथागत चौधरी, अरिंदम चक्रवर्ती, समीरन साहा, राजेश के वी और सरत कुमार जेना शामिल हैं।