भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शनिवार को आरोप लगाया कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया केंद्र सरकार पर यह आरोप लगाकर लोगों को गुमराह कर रहे हैं कि राज्य को उसकी अन्न भाग्य योजना को लागू करने के लिए आवश्यक मात्रा में चावल नहीं मिले हैं।
गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों को ‘अन्न भाग्य’ योजना के तहतपांच किलोग्राम अतिरिक्त चावल मिलते हैं।
बेंगलुरु दक्षिण से भाजपा के सांसद तेजस्वी सूर्या ने दस्तावेज जारी किए और राज्य की कांग्रेस सरकार पर झूठ बोलने का आरोप लगाया।
सूर्या ने कहा, “सिद्धरमैया यह आरोप लगाकर कर्नाटक के लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं किचावल की अतिरिक्त बिक्री के कर्नाटक सरकार के अनुरोध के बाद केंद्र सरकार ने जानबूझकर ओएमएसएस (ओपन मार्केट सेल स्कीम-डोमेस्टिक) नीति को बदल दिया।”
उन्होंने कहा, “लेकिन 8 जून की अंतर-मंत्रालयी समिति की बैठक के ब्यौरे से पता चलता है कि देश भर में गेहूं और चावल की कीमतों में वृद्धि के मद्देनजर ओएमएसएस नीति में बदलाव का सुझाव पहले ही दे दिया गया था।”
उन्होंने कहा, “यह भी बहुत स्पष्ट रूप से दिखाता है कि इस नीति पर पुनर्विचार करने की प्रक्रिया कर्नाटक चुनाव होने से काफी पहले मई की शुरुआत में अंतर-मंत्रालयी समिति द्वारा शुरू की गई थी।”
मुख्यमंत्री और उनके कैबिनेट मंत्रियों ने आरोप लगाया है कि केंद्र ने राज्य सरकारों के लिए ओएमएसएस (डी) के तहत गेहूं और चावल की बिक्री बंद कर दी। बिक्री बंद होने से एक दिन पहले12 जून को एफसीआई ने कर्नाटक को 34 रुपये प्रति किलो की दर से 2,08,425.750 मीट्रिक टन चावल उपलब्ध कराने पर सहमति जताई थी।