केंद्रीय मंत्री महेंद्रनाथ पांडेय ने बुधवार को कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार की पहल के चलते भारत में कार्बन उत्सर्जन में उल्लेखनीय कमी आयी है।
पांडेय ने कहा कि 2019 में शुरू की गई ‘फास्टर अडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स’ (एफएएमई) योजना के चरण-2 के तहत 5.80 लाख इलेक्ट्रिक दोपहिया, 74,063 इलेक्ट्रिक तिपहिया, 6,784 इलेक्ट्रिक चार पहिया और 3,738 इलेक्ट्रिक बसें बेची गई हैं।
भारी उद्योग मंत्री पांडेय ने भाजपा मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘मोदी सरकार की विशेष पहल से देश में कार्बन उत्सर्जन में 49 करोड़ किलोग्राम की कमी देखी गई है, जबकि 34 करोड़ लीटर पेट्रोल और डीजल की भी बचत हुई।
मोदी सरकार की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए पांडेय ने कहा, हमने राजमार्गों पर पेट्रोल पंपों पर इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए 7,432 चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए पेट्रोलियम मंत्रालय को धन उपलब्ध कराया है।पांडेय ने कहा कि मोदी सरकार के नौ वर्षों में उद्योगों के विकास के लिए अनुकूल माहौल बनाने की खातिर कई सुधार शुरू किए गए। उन्होंने कहा कि गुजरात में नरेन्द्र मोदी के मुख्यमंत्री रहते जो व्यापार सुगमता थी, वह अब पूरे देश में फैल गई है।
मंत्री ने कहा कि ‘‘आत्मनिर्भर भारत’’ के दृष्टिकोण के अनुरूप, मोदी सरकार ने उत्पादन से जुड़ी विभिन्न प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाएं शुरू कीं। उन्होंने कहा, हाल ही में 17,000 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ इलेक्ट्रॉनिक्स में एक और पीएलआई योजना शुरू की गई।
उन्होंने कहा कि पहले भारत ‘सनरूफ’, स्वचालित ब्रेक, प्रदूषण चेतावनी प्रणाली और टायर दबाव निगरानी प्रणाली जैसे कल-पुर्जों के लिए पूरी तरह से विदेशों पर निर्भर था। उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि हमें इनका उत्पादन स्वदेश में करना चाहिए। हमने 25,938 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ एक ऑटो पीएलआई योजना शुरू की … हमें 30 से 40 करोड़ रुपये का निवेश आने की उम्मीद थी लेकिन, लगभग 75,000 करोड़ रुपये का निवेश आया।’’
मंत्री ने कहा कि इस पीएलआई योजना से सात लाख प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित हुए।