नयी दिल्ली। लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने सहित विभिन्न मांगों की लेकर दिल्ली आए जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को जंतर-मंतर पर आंदोलन की अनुमति नहीं मिलने पर रविवार को लद्दाख भवन में ही अनशन पर बैठ गए। वह दिल्ली में लद्दाख भवन में ही ठहरे हुए हैं।
वांगचुक ने अनशन शुरू करने से पहले मीडिया के साथ संक्षिप्त बातचीत में कहा कि अपने आंदोलन के लिए कोई स्थान न मिलने पर उन्हें लद्दाख भवन में ही विरोध प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होना पड़ा। वांगचुक सहित करीब 18 लोग लद्दाख भवन के गेट के पास बैठे हैं और ‘‘हम होंगे कामयाब’’ गीत गा रहे थे तथा ‘भारत माता की जय’, ‘जय लद्दाख’ और ‘लद्दाख बचाओ, हिमालय बचाओ’ जैसे नारे लगा रहे थे।
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वांगचुक ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर रविवार सुबह जारी पोस्ट में कहा कि उन्हें जंतर-मंतर पर अनशन करने की अनुमति नहीं दी गई है। उन्होंने कहा, ‘‘एक और अस्वीकृति, एक और हताशा। अंततः आज सुबह हमें विरोध प्रदर्शन के लिए आधिकारिक रूप से तय स्थान के लिए यह अस्वीकृति पत्र मिला।’’ जलवायु कार्यकर्ता वांगचुक ‘दिल्ली चलो पदयात्रा’ का नेतृत्व कर रहे हैं, जो एक महीने पहले लेह से शुरू हुई थी।
PADYATRIS ON FAST AT LADAKH BHAVAN So after trying everything possible to find a legitimate place for our anshan fast in New Delhi, we have finally decided to start our fast here at Ladakh Bhavan New Delhi where I was virtually detained for the last 4 days. Among us we have 75… pic.twitter.com/FeB2phQ2e5
— Sonam Wangchuk (@Wangchuk66) October 6, 2024
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मार्च का आयोजन ‘लेह एपेक्स बॉडी’ ने किया है, जो कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस के साथ मिलकर पिछले चार वर्ष से लद्दाख को राज्य का दर्जा दिलाने और संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने के लिए आंदोलनरत है। ज्यादातर प्रदर्शनकारी शनिवार को लद्दाख लौट गए, जबकि शेष प्रदर्शनकारी वांगचुक के साथ अनशन में शामिल होने के लिए यहीं रुके हैं।