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कांग्रेस के प्रथम परिवार की मुश्किलें बढ़ीं, National Herald Scam में आरोपी नंबर-1 Sonia Gandhi, आरोपी नंबर-2 Rahul Gandhi के अलावा भूमि सौदा मामले को लेकर Robert Vadra भी टेंशन में

कांग्रेस के प्रथम परिवार की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। नेशनल हेराल्ड घोटाला मामले में ईडी की ओर से दायर किये गये आरोपपत्र पर 25 अप्रैल को अदालत क्या फैसला लेती है इस पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं क्योंकि आरोपी नंबर एक सोनिया गांधी हैं और आरोपी नंबर दो राहुल गांधी हैं। इसी तरह राहुल गांधी की बहन प्रियंका गांडी वाड्रा के पति के खिलाफ हरियाणा में भूमि सौदा घोटाले की जो जांच चल रही है उसमें भी ईडी जल्द ही आरोपपत्र दायर करने की तैयारी में है जिससे रॉबर्ट वाड्रा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। कांग्रेस के प्रथम परिवार के कानूनी मामलों में घिरने के चलते पार्टी ने शनिवार को वरिष्ठ नेताओं की एक बैठक बुलाई है जिसमें इस मुश्किल स्थिति से बाहर निकलने के रास्तों पर विचार-विमर्श किया जायेगा। इस बीच ईडी ने नेशनल हेराल्ड मामले में 661 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त करने की अनुमति मांग कर कांग्रेस नेताओं की धड़कनें बढ़ा दी हैं। उधर कांग्रेस के इस घोटाले से देश की जनता को अवगत कराने के लिए भाजपा विभिन्न राज्यों में सड़कों पर उतर चुकी है और सोनिया गांधी तथा राहुल गांधी के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किये जा रहे हैं।
आरोपपत्र में क्या है?
जहां तक संपत्ति जब्ती की बात है तो आपको बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नेशनल हेराल्ड से जुड़े कथित धनशोधन मामले में हाल ही में दाखिल आरोपपत्र में 661 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त करने का अनुरोध किया है, जिसे उसने जांच के दौरान कुर्क किया था। बताया जा रहा है कि संघीय जांच एजेंसी ने अभियोजन पक्ष की शिकायत (आरोपपत्र) में कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी के बयान भी संलग्न किए हैं, जो उसने 2022 में उनसे पूछताछ के दौरान दर्ज किए थे। सूत्रों ने कहा कि ऐसा माना जाता है कि दोनों नेताओं ने किसी भी गलत काम से इंकार किया है और कहा है कि यंग इंडियन (वाईआई) द्वारा एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) का अधिग्रहण व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए नहीं था। हम आपको बता दें कि आरोपपत्र में 78 वर्षीय राज्यसभा सदस्य सोनिया गांधी को आरोपी नंबर एक और उनके बेटे राहुल गांधी (54) को आरोपी नंबर दो के रूप में नामित किया गया है, इसके अलावा पांच अन्य का नाम भी आरोपियों के रूप में दर्ज है।
ईडी ने नौ अप्रैल को एक सक्षम अदालत के समक्ष आरोपपत्र दाखिल किया था, जो सांसदों के खिलाफ आपराधिक मामलों की सुनवाई करती है। अदालत ने मामले में सुनवाई की अगली तारीख 25 अप्रैल तय की है, जब वह आरोपपत्र पर संज्ञान ले सकती है या उसे खारिज कर सकती है। सूत्रों ने कहा कि एजेंसी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत धनशोधन के अपराध के लिए आरोपियों के खिलाफ सजा का अनुरोध किया है और नवंबर 2023 में कुर्क की गई 661 करोड़ रुपये की संपत्ति को जब्त करने का अनुरोध किया है। सूत्रों ने कहा कि अनुरोध को अनुमति मिलने की सूरत में जब्त की गई ये संपत्तियां नीलामी या किसी अन्य ऐसी प्रक्रिया के जरिये सरकारी खजाने में चली जाएंगी।

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हम आपको बता दें कि यह माना जाता है कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी दोनों ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) और यंग इंडियन के मामलों में किसी भी तरह की गड़बड़ी से इंकार किया है और कहा है कि वे कर्ज में डूबी कंपनी (एजेएल) की मदद के लिए आयोजित बैठकों का हिस्सा थे, लेकिन इन मामलों को संभालने में कांग्रेस के दिवंगत नेता मोतीलाल वोरा की भूमिका थी। अन्य पदाधिकारियों के अलावा वोरा 2001 से 2002 के बीच एजेएल के अध्यक्ष भी रहे थे। समझा जाता है कि कांग्रेस के दोनों शीर्ष नेताओं ने पार्टी के कानूनी रुख को दोहराया कि कंपनी अधिनियम के तहत धारा-25 के तहत ‘यंग इंडियन’ एक इकाई है और इसलिए इसके जरिये कोई वाणिज्यिक गतिविधि नहीं हो सकती और न ही शेयरधारकों को कोई व्यक्तिगत लाभ हो सकता है। हम आपको बता दें कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी 38-38 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ यंग इंडियन के बहुसंख्यक शेयरधारक हैं। सूत्रों के अनुसार, एजेएल के बहीखाता की जांच में यह भी पता चला है कि कंपनी को 2023 तक अपनी विभिन्न संपत्तियों से 142.67 करोड़ रुपये का किराया मिला है। एजेएल ‘नेशनल हेराल्ड’ समाचार मंच (समाचार पत्र और वेब पोर्टल) का प्रकाशक है और इसका स्वामित्व यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड के पास है।
कांग्रेस ने बुलाई बैठक
वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने ‘नेशनल हेराल्ड’ मामले में अपने शीर्ष नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय द्वारा आरोपपत्र दाखिल किए जाने के बाद आगे की रणनीति तय करने के लिए शनिवार को अपने सभी महासचिवों, प्रभारियों और अग्रिम संगठनों के प्रमुखों की बैठक बुलाई है। बैठक कांग्रेस मुख्यालय ‘इंदिरा भवन’ में होगी। पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल द्वारा जारी एक परिपत्र में कहा गया है कि सभी महासचिवों, प्रभारियों और अग्रिम संगठनों के प्रमुखों की बैठक 19 अप्रैल को शाम चार बजे यहां ‘इंदिरा गांधी’ भवन में होगी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में पार्टी को कथित तौर पर निशाना बनाने को लेकर सरकार के खिलाफ विरोध और प्रदर्शन की योजना तैयार करने पर विचार-विमर्श किया जाएगा।
भाजपा का प्रदर्शन
दूसरी ओर, भाजपा ने इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस के खिलाफ देशव्यापी प्रदर्शन शुरू भी कर दिये हैं। विभिन्न राज्यों से समाचार मिल रहे हैं कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ प्रदर्शन किये। गोवा में सत्तारुढ़ भाजपा ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ प्रदर्शन किया और विपक्षी पार्टी पर नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी की कार्रवाई पर अनावश्यक शोर-शराबा करने का आरोप लगाया। पणजी में कांग्रेस भवन के पास विरोध प्रदर्शन किया गया, जिसमें भाजपा कार्यकर्ताओं ने राहुल गांधी के खिलाफ नारे लगाए और उनका पुतला जलाया।
इसके अलावा, गुजरात में सत्तारुढ़ भाजपा ने विपक्षी पार्टी के खिलाफ गुजरात के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शन किया। अहमदाबाद, सूरत और वडोदरा शहर में विरोध प्रदर्शन किया गया। इस दौरान राहुल गांधी का पुतला भी जलाया गया। अहमदाबाद में विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व विधायक अमित पी शाह ने किया, जो पार्टी की स्थानीय इकाई के प्रमुख भी हैं। वडोदरा में प्रदर्शन का नेतृत्व विधायक और विधानसभा में भाजपा के मुख्य सचेतक बालकृष्ण शुक्ला ने किया। वहीं सूरत के चौक बाजार में कांग्रेस कार्यालय के पास विरोध प्रदर्शन के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं ने राहुल गांधी का पुतला फूंका।
वहीं भाजपा की दिल्ली इकाई ने नेशनल हेराल्ड मामले में जनता के पैसे के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए कांग्रेस के अकबर रोड कार्यालय के पास विरोध प्रदर्शन किया। भाजपा की दिल्ली इकाई के प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा के नेतृत्व में भारतीय जनता युवा मोर्चा की शहर इकाई के कार्यकर्ता मान सिंह रोड पर एकत्र हुए, जहां पुलिस ने उन्हें रोक दिया। सचदेवा ने कहा, “मामला 2,000 करोड़ रुपये की संपत्ति का कम मूल्यांकन करने से जुड़ा है, जिसे 50 लाख रुपये में मां ने अपने बेटे को सौंप दिया।” सचदेवा ने पूछा कि अगर सोनिया गांधी और राहुल गांधी को लगता है कि उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया है तो उन्होंने जमानत के लिए आवेदन क्यों किया। उन्होंने कहा, “इसके बजाय उन्हें कानूनी लड़ाई लड़नी चाहिए थी और खुद को सही साबित करना चाहिए था।” उन्होंने कहा कि नेशनल हेराल्ड मामला “साजिश, भ्रष्टाचार और सार्वजनिक धन के दुरुपयोग का मामला है जिसके लिए कांग्रेस नेता जवाबदेह हैं।” सचदेवा ने कहा कि कांग्रेस द्वारा चुराए गए सार्वजनिक धन का एक-एक पैसा वसूला जाएगा।

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